सेहत

बच्चों के लिए घातक है स्मार्टफोन पर समय बिताना, जानिए कैसे

आज के दौर में आपकी मुट्ठी में बहुत कुछ सिमट कर आ गया है। एक क्लिक पर बिजली का बिल जमा और एक ऑर्डर पर खाना आपके पास कुछ ही समय में हाजिर, कितना कुछ आसान कर दिया इस तकनीक ने। मनोरंजन, विडियो कॉलिंग और ऑनलाइन गेम, सब कुछ हमारे लिए अब इस डिजिटल की दुनिया में उपलब्ध है। पर हम इससे होने वाले समाज पर नकारात्मक परिणामों से बेखबर है और उसमें भी सबसे ज्यादा छोटे बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाला असर से। हम बस बढ़ रहे हैं तकनीक की और पर हमारा आने वाला कल भी, हमसे आगे हैं यानि बच्चे भी एक बार आपका स्मार्टफोन हाथ में ले लें तो फिर आप उससे चाहकर भी नहीं ले सकते क्योंकि अब वो खेल रहा गेम, और आपने मोबाइल छीनने की कोशिश की तो … आप जानते हैं।

तो आइये जानते हैं स्मार्टफोन बच्चों के लिए कितने हानिकारक है
वैसे तो विदेशी लोग हमसे हर प्रकार से आगे हैं और हाल में इंग्लैंड में बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखने के लिए अभिभावकों को स्पष्ट तौर पर एक मेडिकल एडवाइजरी जारी की है। जिसमें साफ कहा गया है कि सोते समय और खाते समय माता-पिता व अभिभावक अपने बच्चों को स्मार्टफोन पर हाथ भी न लगाने दें। यह मेडिकल एडवाइजरी बच्चों के स्क्रीन टाइम और ऑनलाइन व्यवहार को लेकर जारी की गई है।
जबकि हमारे यहां ऐसा कुछ नहीं जारी होता कि आप अपने बच्चों को स्मार्टफोन न दें। जिससे माता-पिता को पता ही नहीं चलता कि कैसे स्मार्टफोन उनके बच्चों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
एडवाइजरी में स्पष्ट कहा गया है कि माता-पिता व अभिभावकों को सोते वक्त बच्चों के बेडरूम से स्मार्टफोन को बाहर कर देना चाहिए।


सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर –
इस मेडिकल एडवाइजरी को इंग्लैंड, नॉर्थरन आइलैंड, वेल्स और स्कोटलैंड के लिए जारी किया गया है। इस तरह के कई शोध पहले भी प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना हानिकारक है।
इंग्लैंड के चीफ मेडिकल ऑफिसर प्रोफेसर डैम सैली डेविस का कहना है कि बच्चों के कौशल और विकास के लिए ऑनलाइन टाइम बीताना लाभकारी है लेकिन हमारी यह सलाह है कि बच्चों को सोते वक्त और खाना खाते वक्त स्मार्टफोन डिवाइस बिल्कुल भी न दें।
अभिभावक बच्चों को पूरी नींद लेने दें। जिसके लिए अभिभावकों को सोते समय बच्चों के बेडरूम से स्मार्टफोन को बाहर कर देना चाहिए।
डॉक्टर बर्नक्का डबिका ने इंग्लैंड में अभिभावकों के लिए जारी एडवाइजरी को सही बताया है। उनका कहना है कि शोध में इन बातों का पता चला है कि ऑनलाइन और मोबाइल पर बिताए गए वक्त की वजह से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है। यह भी साफ है कि बच्चों के ऑनलाइन या स्मार्टफोन पर देखे गए कुछ कंटेंट ने उन्हें खुद को नुकसान पहुंचाने और आत्महत्या की तरफ भी बढ़ाया है।

भारत में बच्चों के ऑनलाइन व्यवहार को लेकर बहुत कम एडवाइजरी जारी होती हैं। विदेशों में वक्त-वक्त पर अभिभावकों के लिए एडवाइजरी जारी होती रहती है। भारतीयों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों को स्मार्टफोन के बजाय शारीरिक खेलों पर ज्यादा ध्यान दें।

हम सब जानते है कि स्मार्टफोन से निकलने वाला यह रेडिएशन भी बच्चों पर खास प्रभाव डालता है। इससे उनका मानसिक विकास भी बाधित होता है तथा कई तरह के विकार देखने को मिलते हैं।

Rakesh Singh

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago