समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव आज यानि 22 नवंबर को अपना 80 वां जन्मदिन बना रहे हैं। नेताजी के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने के लिए सपा नेताओं ने खास तैयारी की है। इस बार सबकी निगाहें इसी बात पर टिकी हैं कि क्या नेताजी के जन्मदिन पर चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच दूरियां कम होंगी।
अब बात करें नेताजी की यानि मुलायम सिंह यादव की। ये एक ऐसे राजनेता है जो अपने बयानों और भाषणों से सब को चौंकाते रहे हैं। मुलायम सिंह के जन्मदिन के मौके पर पढ़िए कब—कब वो अपने बयानों को लेकर चर्चा में आए…
16वीं लोकसभा का आखिरी दिन काफी रोचक रहा था। समाजवादी पार्टी के कर्ता-धर्ता और यूपी की राजनीति का अहम चेहरा माने जाने वाले मुलायम सिंह यादव ने अपने विदाई भाषण से हर किसी को चौंकाया। मुलायम ने भाषण में एनडीए सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए अपने मन की बात भी कही। मुलायम बोले “मेरी यही कामना है कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनकर आएं”। यह सुन पीएम मोदी के चेहरे पर एक मुस्कान थी तो वहां मौजूद हर कोई हैरान था।
शाम होते-होते राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज होने लगी, विश्लेषक इस बयान के पीछे के कारणों को खोजने लगे। सोशल मीडिया पर कोई बोला मुलायम सठिया गए हैं तो किसी ने कहा बूढ़े हो गए हैं इसलिए याद नहीं रहता क्या बोलना है !
इन सब के बीच यह कोई पहली बार नहीं है जब मुलायम सिंह ने विरोधी खेमे को चौंकाया है, इससे पहले भी वो ऐसे बयान और ऐसी हरकतें करते रहे हैं जब हर कोई बोला- ये क्या कर गए मुलायम ?
इन सब के बीच यह कोई पहली बार नहीं है जब मुलायम सिंह ने विरोधी खेमे को चौंकाया है, इससे पहले भी वो ऐसे बयान और ऐसी हरकतें करते रहे हैं जब हर कोई बोला- ये क्या कर गए मुलायम ?
जब अपने ही नेता के खिलाफ वोट गिरवाए
1989 में मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए जनता दल के विधायकों की वोटिंग होनी थी। इसमें मुलायम के करीबी और खास रहे रेवती रमन सिंह दौड़ में थे। लेकिन मुलायम ने उन्हें चकमा देते हुए विधायकों से अपने पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव बनाया।
आधी रात को अचानक भंग कर दी विधानसभा
1990 में यूपी में जनता दल की सरकार कांग्रेस के समर्थन से अल्पमत में चल रही थी। लेकिन जब जनता दल टूटा तो मुलायम सिंह यादव ने एक फैसला लिया जिसको देखकर हर कोई हैरान रह गया। मुलायम ने उस समय के कांग्रेस अध्यक्ष को बिना कुछ बताए विधानसभा को भंग कर दिया।
सोनिया को प्रधानमंत्री बनाने का कहकर मुकरे
1999 में जब यूपीए-1 के समय़ कांग्रेसियों ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाए जाने की पेशकश की। मुलायम सिंह यादव ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया लेकिन अचानक बाद में वो पलट गए। मुकरने के बाद वो सोनिया गांधी को इटली मूल का बताकर विरोध करते रहे।
प्रणब मुखर्जी को वोट देकर ममता को किया हैरान
2012 में जब राष्ट्रपति चुनाव हुए तो तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी और मुलायम सिंह के बीत समझौता हुआ कि अब्दुल कलाम को दोबारा राष्ट्रपति बनाया जाएगा। लेकिन वोटिंग वाले दिन मुलायम बदल गए और यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को वोट डाल आए।
बेटे को छोड़ भाई का किया समर्थन
2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव और उनके भाई शिवपाल यादव में टकराव बढ़ने लगा। मुलायम के पास मामला गया तो उन्होंने भाई शिवपाल यादव का समर्थन किया, जिन्होंने कुछ समय पहले समाजवादी पार्टी छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई है।
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