भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के वर्तमान अध्यक्ष सौरव गांगुली के 9 महीने के कार्यकाल को 2024 तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा एक और बड़ी ख़बर यह है कि एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति का कार्यकाल अब समाप्त होने जा रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में रविवार को ये अहम फैसले लिए गए। बोर्ड की एजीएम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य प्रशासनिक सुधारों में ढ़िलाई देने का फैसला किया गया। हालांकि, अभी इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी लेनी होगी। बता दें, सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार एजीएम आयोजित की गई। उनसे पहले करीब 3 साल तक प्रशासकों की समिति ने के हाथों में बीसीसीआई का जिम्मा था।
वार्षिक आम बैठक में लिए गए इस बड़े फैसले के बाद बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने मीडिया को बताया कि सभी प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी दे दी गई है। अब इसे सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति के लिए शीर्ष अदालत में भेज दिया जाएगा। यदि कोर्ट स्वीकृति देता है तो सौरव गांगुली साल 2024 तक बीसीसीआई मुखिया बने रह सकते हैं। हाल में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष बने सौरव गांगुली ने बहुत कम समय में ऐतिहासिक पिंक बॉल कोलकाता डे-नाइट टेस्ट जैसे मैच का आयोजन बड़े पैमाने पर कराने में सफ़लता हासिल की है। उन्होंने इसके लिए बांग्लादेश बोर्ड को राज़ी किया और वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को मैच देखने ईडन गार्डन बुलाया।
बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, कोई भी मेंबर केवल 6 साल ही बोर्ड या इससे संघ में प्रशासन में शीर्ष पद पर रह सकता है। बोर्ड अध्यक्ष बनने से पहले सौरव गांगुली पांच साल से ज्यादा समय क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल यानि सीएबी के प्रेसीडेंट रहे। इस तरह गांगुली केवल 9 महीने ही बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर रह सकते थे। लेकिन बोर्ड के फैसले और प्रस्तावित संशोधन को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद सौरव गांगुली की समय सीमा और उनका कार्यकाल आगे बढ़ सकता है। अब सब कुछ सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करता है। कोर्ट की मुहर के बाद ही लोढ़ा समिति की सिफारिशों में सुधार किया जाएगा।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रविवार को इस बात की भी पुष्टि कर दी है कि एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ेगा। बोर्ड की वार्षिक आम बैठक के बाद सौरव गांगुली ने कहा है कि आप अपने कार्यकाल से आगे काम नहीं कर सकते। इससे साफ़ हो गया कि वर्तमान चयन समिति का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। गांगुली ने कहा कि इन सभी लोगों ने अच्छा काम किया है। हम चयनकर्ताओं के लिए एक फिक्स कार्यकाल बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हर साल सिलेक्टर्स का चयन करना सही नहीं है।
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बता दें कि एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा वर्ष 2015 में चयन समिति में चुने गए थे। वहीं, सरनदीप सिंह, देवांग गांधी और जतिन परांजपे को साल 2016 में चयन समिति में शामिल किया गया था। लेकिन बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली के मुताबिक इनमें से किसी भी चयन समिति मेंबर का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। प्रसाद की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय चयन समिति का 4 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है। गौरतलब है कि बीसीसीआई के पुराने संविधान के चयन समिति का कार्यकाल चार साल से ज्यादा समय के लिए नहीं हो सकता। संविधान संशोधन के बाद ये अवधि पांच साल के लिए हो जाएगी, लेकिन अभी इसे सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलनी है।
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