आज भारतीय संगीत जगत में गायिका पलक मुच्छल का नाम बड़े अदब और एहतराम से लिया जाता है। बहुत ही कम उम्र में पलक ने अपनी सुरीली आवाज़ के दम पर वो मुक़ाम हासिल कर लिया है, जिसे हासिल करने में कई कलाकारों को पूरी ज़िंदगी लग जाती है। पलक ने अपनी मख़मली आवाज़ से बॉलीवुड म्यूज़िक को और आगे बढ़ाने का काम किया है। वह जितने सुरीले अंदाज में गायन करती है, उतनी ही वह दिल की भी नेक और कोमल हैं। इतनी छोटी सी उम्र में पलक ने सिंगिंग के साथ ही समाज सेवा के लिए जो काम किया है वो वाकई अतुलनीय है। पलक मुच्छल आज अपना 31वां बर्थडे मना रही हैं। इस ख़ास अवसर पर जानिए बड़े नेक दिल वाली सिंगर पलक मुच्छल के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
31 वर्ष की छोटी सी उम्र में पलक बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि भारतीय संगीत की दुनिया का एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी हैं। पलक मुच्छल का जन्म 30 मार्च, 1992 को मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर में एक मिडिल क्लास माहेश्वरी मारवाड़ी फैमिली में हुआ था। उनके पिता का नाम राजकुमार मुच्छल और मां का नाम अमिता मुच्छल हैं।
इनके पिता एक प्राइवेट फर्म में नौकरी किया करते थे, वहीं मां अमिता गृहणी हैं। पलक का पैतृक गांव राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले का छोटी सादड़ी है। गायन में रुचि को देखते हुए पिता ने पलक को संगीत की शिक्षा के लिए भेजा और महज चार साल की उम्र में पलक ने गायन भी शुरु कर दिया। पलक पूर्ण रूप से शुद्ध शाकाहारी हैं। वह भारतीय शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित हैं।
पलक मुच्छल ने अपनी स्कूली शिक्षा श्री अग्रसेन विद्यालय स्नेह नगर, इंदौर से पूरी की। इसके बाद इन्होंने इंदौर के कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पलक अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़ी हैं। इनका एक छोटा भाई पलाश मुच्छल है। पलाश मुच्छल भी पलक की तरह ही बॉलीवुड सिंगर है। दोनों भाई-बहिन कई देशों में एक साथ स्टेज पर परफॉर्म कर चुके हैं। पलक हमेशा से ही अपने छोटे भाई पलाश को सपोर्ट करती आई हैं। पलाश म्यूजिक के साथ ही वीडियो भी डायरेक्ट कर चुके हैं। आगरा में ताज महोत्सव के दौरान साल 2018 में पलक के भाई पलाश पर आयोजक और ग़ज़ल सिंगर के साथ मारपीट के आरोप में एक केस दर्ज हुआ था।
पलक मुच्छल शुरू से ही सोशल कॉज का हिस्सा बनती रही हैं। पलक वर्षों से हार्ट पेशेंट्स बच्चों का इलाज कराने में आर्थिक रूप से मदद करती हैं, जिसकी प्रशंसा बॉलीवुड के साथ ही पूरा देश भी करता है। दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के ऑपरेशन के लिए चैरिटी फंड जुटाने वाली पलक को इस मुहिम को चलाने में अभिनेता सलमान खान से भी सपोर्ट मिलता है। गरीब परिवारों के बच्चों को दिल की बीमारियों से निजात दिलाना ही पलक के जीवन का एक अहम मिशन है।
पलक चैरिटी शो के माध्यम से जुटाए गए धन से अब तक हजारों गरीब बच्चों के दिल की सर्जरी करवा चुकी हैं। इस मुहिम में उनके साथ छोटे भाई पलाश भी साथ खड़े रहते हैं। दोनों मिलकर देश-विदेशों में प्रस्तुतियां देकर हर्ट पेशेंट बच्चों की मदद के लिए रकम इकट्ठा करते हैं। समाजसेवा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पलक का नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ और ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी दर्ज हो गया है। इसके अलावा भारत सरकार और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने भी पलक मुच्छल को कई पुरस्कारों से नवाज़ चुके हैं।
इंडियन क्लासिकल म्यूजिक़ की शिक्षा लेने वाली पलक मुच्छल 17 भाषाओं में पूर्ण रूप से पारंगत मानी जाती हैं। हिंदी के अलावा वह तमिल, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली आदि भाषाओं में भी गायन कर चुकी हैं। साल 2011 में पलक ने बॉलीवुड के हिंदी गानों से अपने कॅरियर की शुरुआत की। उन्होंने अपना पहला गाना फिल्म ‘दमादम’ के लिए गाया था। इसके बाद पलक ने कई हिट फिल्मों के लिए गाने गाए।
लेकिन उन्हें प्रसिद्धि फिल्म ‘एक था टाइगर’, ‘आशिकी–2’ और ‘एमएस धोनी’ बायोपिक में गाए गानों से मिलीं। पलक द्वारा गाए पॉपुलर गानों में ‘लापता’, ‘मेरी आशिक़ी’, ‘चाहूं मैं या ना’, ‘जुम्मे की रात’, ‘सनम’, ‘तेरी क़सम’, ‘कौन तुझे यूं प्यार करेगा’, ‘एक दो तीन’ रीमेक जैसे हिट गाने शामिल हैं।
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