भारत की सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिकाओं में शुमार गीता दत्त की आज 93वीं बर्थ एनिवर्सरी है। गीता दत्त का जन्म बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। बॉलीवुड में ‘बाज़ी’, ‘काग़ज के फूल’, ‘प्यासा’, ‘चौदहवीं का चांद’, ‘आर-पार’, ‘साहब बीबी और ग़ुलाम’ जैसी फिल्मों में उनके गाए गीत हिंदी सिनेमा के सदाबहार गीतों में शामिल किए जाते हैं। पार्श्वगायिका गीता दत्त ने ज्यादातर हिट गाने अपने पति एवं दिग्गज अभिनेता गुरु दत्त की फिल्मों के लिए गाए थे। उन्होंने हिंदी के अलावा बंगाली भाषा में भी शास्त्रीय गायन किया। इस खास अवसर पर जानिए पार्श्व गायिका गीता दत्त की जिंदगी के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
1- गायिका गीता दत्त का जन्म 23 नवंबर, 1930 को पूर्वी बंगाल के फरीदकोट जिले के इदलापुर गांव (अब बांग्लादेश) में हुआ था।
2- गीता दत्त के पिता देवेंद्र नाथ चौधरी गांव के जमींदार थे। गीता की मां अमया रॉय चौधरी संगीत और शायरी में रुचि रखती थीं।
3- पार्श्व गायिका गीता के 10 भाई-बहनों (छह भाई, चार बहनें) में उन्हें अपनी मां से संगीत की अभिरुचि विरासत मिली थीं।
4- गीता दत्त की पढ़ाई एंग्लो बंगाली स्कूल में हुई थी। उन्होंने पंडित हीरेंद्रनाथ चौधरी से संगीत की शिक्षा ली थी।
5- प्लेबैक सिंगर गीता दत्त जब करीब 12 साल की थी, तब वर्ष 1942 में उनके पिता मुंबई (तब बॉम्बे) जा बसे। उनका परिवार दादर स्थित एक फ्लैट में रहता था।
6- गीता दत्त के फ्लैट के पास ही संगीतकार के. हनुमान प्रसाद आते-जाते थे। हनुमान ने गीता की आवाज़ सुनी और उनके माता-पिता को समझाया कि वो अपनी बेटी को फिल्मों में गाने के लिए प्रशिक्षण दें। उसके बाद हनुमान प्रसाद गीता को संगीत की शिक्षा देने लगे। हनुमान ने ही गीता को वर्ष 1946 में ‘भक्त प्रह्लाद’ फिल्म से प्लेबैक सिंगिंग में ब्रेक दिया। हालांकि, इस फिल्म में उन्हें दो गीतों में दो-दो लाइन गाने को मिलीं।
7- वर्ष 1947 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘दो भाई’ का एक गाना ‘मेरा सुंदर सपना बीत गया’ काफी हिट हुआ। इस गीत ने गीता दत्त की आवाज़ ने मशहूर कर दिया। इस फिल्म में संगीत एसडी बर्मन ने दिया था। गीता ने बाद में एसडी बर्मन के संगीत-निर्देशन में कई एवरग्रीन गीत हिंदी सिनेमा को दिए।
8- प्लेबैक सिंगर गीता का असल नाम गीता रॉय चौधरी था। वर्ष 1953 में अभिनेता गुरु दत्त से शादी के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर गीता दत्त कर लिया था।
9- प्लेबैक सिंगर के तौर पर गीता दत्त की आखिरी फिल्म ‘अनुभव’ (1971) थी, जिसके संगीतकार कनु रॉय थे।
10- 20 जुलाई, 1972 को गायिका गीता दत्त का मुंबई के हरिकृष्ण दास अस्पताल में लिवर सिरोसिस की वजह से निधन हो गया। पति गुरु दत्त के वर्ष 1964 में निधन के बाद गीता को शराब की लत लग गयी थी, जो उनकी मौत की एक ख़ास वजह भी बनीं।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता व गीता दत्त के पति गुरु दत्त का जब निधन हुआ, तो गीता निजी और आर्थिक तौर पर मुश्किलों में घिरी हुई थीं। उन्होंने अपने डूबते करियर को फिर से ज़िंदा करने की पूरी कोशिश की, लेकिन तब तक उनकी सेहत ऐसी हालत में पहुंच गई थी, जहां से ठीक होना मुमकिन नहीं था। गीता दत्त 20 जुलाई, 1972 को महज़ 41 साल की उम्र में दुनिया से रुखसत हो गईं।
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