Scrap the old vehicle and buy the new one will not have to pay the registration fee.
केंद्र सरकार ने नई वाहन नीति के तहत कई ऐलान किए हैं। दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में बताया कि पुराने वाहन को स्क्रैप करने के बाद नया वाहन खरीदने वाले को पंजीकरण शुल्क नहीं चुकाना होगा। गडकरी का लिखित बयान गुरुवार को संसद के दोनों सदनों के पटल पर पेश किया गया। इसमें उन्होंने कहा कि नई स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति में स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाने पर नए वाहन से 25 फीसदी कम रोड टैक्स वसूलने के साथ ही ऑटोमोबाइल कंपनियों से भी एक्स शोरूम कीमत पर 5 फीसदी छूट दिलाने का प्रावधान किया जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय सभी राज्यों और वाहन निर्माताओं को एक एडवाइजरी जारी करेगा। आपको बता दें कि नई वाहन नीति की घोषणा इस बार केंद्रीय बजट में की गई थी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नई नीति का ड्राफ्ट अगले कुछ सप्ताह में सभी हितधारकों के सुझाव व आपत्तियां लेने के लिए जारी कर दिया जाएगा। वाहनों को कबाड़ करने वालों को कई तरह से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पुराने वाहन को कबाड़ करने के लिए सिंगल विंडो रजिस्ट्रेशन सिस्टम बनाया जाएगा। उन्हें स्क्रैपिंग सेंटर पर स्क्रैप सर्टिफिकेट के अलावा पुराने वाहन की कीमत भी मिलेगी, जो नए वाहन की एक्स शोरूम कीमत के 4 से 6 फीसदी तक होगी।
गडकरी ने कहा कि अगले दो साल में पीपीपी मोड में ऐसे 100 स्क्रैपिंग सेंटर बनाए जाने की योजना है। निजी वाहनों के अलावा बस-ट्रक जैसे व्यवसायिक वाहनों के भी रोड टैक्स में 15 फीसदी की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल होने या पंजीकरण का नवीकरण नहीं करा पाने पर खत्म माना जाएगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, देश में इस समय 51 लाख मोटर वाहन 20 साल से ज्यादा पुराने हैं, जबकि 34 लाख अन्य हल्के वाहन 15 साल की आयु सीमा पार कर चुके हैं। 15 साल की उम्र पार करने के बाद बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के दौड़ने वाले मध्यम व भारी व्यवसायिक वाहनों की संख्या करीब 17 लाख आंकी गई है। इस हिसाब से देश में करीब एक करोड़ वाहन नई नीति के बाद सड़कों से हट जाएंगे।
आपको बता दें कि नई वाहन नीति के प्रावधानों के अनुसार, कोई भी व्यवसायिक वाहन 15 साल बाद खुद ही गैर पंजीकृत हो जाएगा। वहीं, निजी वाहनों का पंजीकरण खत्म होने की अवधि 20 साल होगी। इसके अलावा 15 साल बाद वाहन का पुन: पंजीकरण कराने के लिए दो गुना शुल्क वसूला जाएगा।
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