Scientist Michael Faraday gave the principle of electromagnetic induction.
इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म व इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री के अध्ययन में उल्लेखनीय योगदान देने वाले महान वैज्ञानिक माइकल फैराडे की आज 22 सितम्बर को 232वीं जयंती है। फैराडे एक भौतिक विज्ञानी व रसायनविद थे। उन्होंने विद्युत चुंबकीय प्रेरण, डायमेग्नेटिज्म तथा इलेक्ट्रोलाइसिस जैसी महत्त्वपूर्ण सिद्धांतों की खोज की थी। फैराडे की इन थ्योरियों की बदौलत ही ट्रांसफार्मर और जनरेटर आदि चल रहे हैं। उन्होंने परावैद्युतांक, चुम्बकीय क्षेत्र में रेखा ध्रुवित प्रकाश का घुमाव आदि विषयों में भी अपना योगदान किया। डायनमो के आविष्कार का श्रेय माइकल फैराडे को जाता है। इस खास अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुने किस्से…
वैज्ञानिक माइकल फैराडे का जन्म 22 सितंबर, 1791 को लंदन के न्यूंगटन बट्स नामक शहर में हुआ था, जो साउथवार्क का हिस्सा है। बचपन से ही उन्हें भौतिक और रसायन में रुचि थी, इसलिए वह इनसे संबंधित पुस्तकें ही पढ़ते थे। वर्ष 1812 में उन्हें रॉयल इंस्टीट्यूशन और रॉयल सोसाइटी के प्रसिद्ध रसायन विज्ञानी सर हंफ्री डेवी और सिटी फिलोसोफिकल सोयायटी के संस्थापक जॉन टैटम के व्याख्यान में भाग लेने का मौका मिला।
हंफ्री डेवी के कुछ व्याख्यानों पर फैराडे ने टिप्पणी करके उन्हें भेजा जिससे वह काफी प्रभावित हुए। इस पर हम्फ्री ने फैराडे को बतौर सहायक नियुक्त कर लिया। उनके साथ फैराडे पूरी लगन और मेहनत के साथ जुट गया। वर्ष 1833 में रॉयल इंस्टीट्यूशन में रसायन के लेक्चरर बन गए।
माइकल फैराडे का प्रमुख आविष्कार विद्युत चुम्बकीय प्रेरण था। वर्ष 1820 में हैंड्स ओर्स्टेड ने बताया कि विद्युत धारा से चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न किया जा सकता है। इससे उन्हें विचार आया कि अगर विद्युत धारा के प्रवाह से चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न हो सकता है तो चुम्बकीय प्रभाव से विद्युत धारा उत्पन्न की जा सकती है।
बाद में इसी आधार प्रयोग द्वारा उन्होंने वर्ष 1831 में विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का सिद्धांत दिया था। इसी सिद्धांत के आधार पर ही आज पूरी दुनिया में विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। ट्रांसफार्मर भी फैराडे की थ्योरी पर कार्य करता है। उन्होंने इसी के सिद्धांत के आधार पर डायनमो का आविष्कार किया था। परावैद्युतांक, चुंबकीय क्षेत्र में रेखा ध्रुवित प्रकाश का घुमाव आदि विषयों में भी फैराडे ने योगदान किया।
माइकल फैराडे ने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय खोजें की और बेंजीन की खोज का श्रेय भी उनको जाता है। उन्होंने विद्युत से संबंधित कई नियमों का प्रतिपादन किया, जिन्हें फैराडे के नियम कहा जाता है। फैराडे ने क्लोरीन गैस का द्रवीकरण करने में सफलता पाई थी। माइकल फैराडे ने कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें सबसे उपयोगी ‘विद्युत में प्रायोगिक गवेषणाएँ’ (Experimental Researches in Electricity) है।
मानव जीवन को सुलभ बनाने वाली बिजली के उत्पादन में अहम योगदान देने वाले महान वैज्ञानिक माइकल फैराडे का निधन 25 अगस्त 1867 को हैम्पटन कोर्ट पैलेस, मोलेसी, यूनाइटेड किंगडम में हुआ। सम्पूर्ण जगत फैराडे की महान खोजों के प्रति हमेशा ऋणी रहेगा।
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