दिवंगत कांग्रेस नेता संजय गांधी के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं। संजय को हमेशा से ही उनकी मां इंदिरा गांधी की राजनीतिक विरासत के रूप में देखा जाता था। उनमें भविष्य का एक बड़ा राजनेता देखा जा रहा था। हालांकि, आज ही के दिन 23 जून, 1980 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गईं। इससे उनकी मां इंदिरा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को बहुत गहरा झटका लगा था। संजय ने राजनीति में कदम रखने के बहुत कम समय में ही अपनी एक अलग छवि बना ली थी। भारत में नसबंदी कार्यक्रम शुरू करने का श्रेय संजय को ही दिया जाता है। संजय के कई फैसलों ने लोगों का चौंका दिया था। संजय गांधी की 43वीं पुण्यतिथि के अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
कांग्रेस नेता संजय गांधी का जन्म 14 दिसंबर, 1946 को नई दिल्ली में इंदिरा गांधी और फिरोज खान के घर में हुआ था। संजय ने देहरादून के वेल्हम बॉयज़ स्कूल और दून स्कूल में अपनी शुरुआती पढ़ाई की। लेकिन संजय कभी कॉलेज नहीं गए, क्योंकि उन्हें पढ़ाई में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। अपनी हाईस्कूलिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मोटर वाहन इंजीनियरिंग और रोल्स-रॉयस के साथ इंग्लैंड में काम सीखा था।
संजय गांधी को स्पोर्ट्स कारों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी थी और उन्होंने मारुति उद्योग की स्थापना की, लेकिन कंपनी ने अपने जीवनकाल के दौरान कोई वाहन नहीं बनाया था। हालांकि, उन्होंने सुजुकी और वोक्सवैगन समेत भारत में निर्मित होने वाली कारों की डिजाइन पेश करने के लिए कई कार निर्माण कंपनियों से संपर्क किया। संजय के प्रयासों के बाद सुज़ुकी ने पहली बार भारत में मारूति 800 कार का निर्माण किया था।
संजय गांधी को कारों के उत्पादन के लिए किसी भी निगम के साथ कोई अनुभव या लिंक नहीं था। फिर भी उन्हें ‘पीपल्स कार’ के उत्पादन के लिए अनुबंध और उत्पादन लाइसेंस से सम्मानित किया गया था। जब वो पायलट के रूप में करियर बना रहे थे, तब संजय ने एक पायलट के तौर पर लाइसेंस ले लिया।
प्रसिद्ध अभिनेता और गायक किशोर कुमार ने आपातकाल के दौरान मुंबई में कांग्रेस रैली के लिए गाना गाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद संजय गांधी ने अखिल भारतीय रेडियो और दूरदर्शन पर उनके सभी गीतों पर प्रतिबंध लगा दिया था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने अपने मंत्रालय के मामलों में संजय के हस्तक्षेप का हवाला देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। जनसंख्या वृद्धि की रोक के लिए सितंबर 1976 में संजय गांधी ने एक अनिवार्य नसबंदी कार्यक्रम शुरू किया था। मार्च 1977 में नई दिल्ली में कांग्रेस नेता संजय की हत्या का प्रयास किया गया, जहां चुनाव अभियान के दौरान उनकी कार पर गोलियां चलाई गईं।
विकिलीक्स ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता संजय गांधी की तीन बार हत्या के प्रयास हुए थे। इसलिए कि संजय, उनकी मां और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के काफी करीबी थे। कहा जाता है कि संजय ने आपातकाल के समय कांग्रेस सरकार को नियंत्रित करने का भी काम किया था। मई 1980, संजय गांधी को कांग्रेस पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया था। हालांकि, करीब एक महीने बाद ही 23 जून, 1980 को विमान दुर्घटना में संजय की मौत हो गई और इस तरह उन्होंने महज 34 साल की बहुत कम उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
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