गुलाबी शहर

RUSU Election 2019 : निर्दलीयों पर भारी है इस बार ABVP और NSUI के प्रत्याशी !

राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए प्रदेश के दोनों मुख्य संगठन ABVP और NSUI ने अपना पैनल मैदान में उतार दिया है। जिनको टिकट मिला उनके संघर्ष के साल काम आए जिनमें संगठन ने विश्वास नहीं दिखाया वो “बागी खेमे” में शामिल हो गए हैं।

पिछले कुछ सालों से आरयू में बागियों का अपना एक रोचक इतिहास रहा है। बीते तीन साल से दोनों मुख्य संगठन अध्यक्ष पद के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं!

साल 2016 में एबीवीपी के बागी अंकित धायल ने एबीवीपी प्रत्याशी अखिलेश पारीक को हराया तो 2017 में भी एबीवीपी के बागी पवन यादव ने एबीवीपी के प्रत्याशी संजय माचेड़ी को हराकर जीत हासिल की। ऐसी ही तस्वीर साल 2018 में दिखी जब एनएसयूआई के बागी विनोद जाखड़ ने एबीवीपी के राजपाल चौधरी को शिकस्त दी थी।

ABVP 2013 के बाद से अब तक अध्यक्ष पद के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि बागी उम्मीदवारों की मान-मनुहार का दौर चल रहा है हर बार की तरह दोनों ही संगठन आखिर तक सभी को राजी करने का दावा कर रहे हैं।

NSUI में बगावत पर उत्तम चौधरी की जमीनी हवा तेज

इस बार NSUI से टिकट ना मिलने से नाराज पूजा वर्मा और मुकेश चौधरी निर्दलीय मैदान में उतरे हैं हालांकि दोनों की छात्रों पर पकड़ कमजोर बताई जा रही है।

वहीं अध्यक्ष पद प्रत्याशी उत्तम चौधरी ने प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रखी है। सोशल मीडिया से लेकर केम्पस तक उत्तम छात्रों से सीधे सम्पर्क में हैं।

ओमप्रकाश पांडर, अशोक फागणा जैसे बागी छात्र नेताओं ने भी उत्तम को समर्थन दिया है, जिसके बाद NSUI का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। वहीं महासचिव पद के लिए महावीर गुर्जर भी पूरे जोरों-शोरों से मैदान में डटे हैं।

ABVP में भी हुई है इस बार बगावत

वहीं अगर हम ABVP की बात करें तो परिषद के प्रत्याशी अमित कुमार बड़बड़वाल के सामने अभी कोई निर्दलीय नहीं दिखा है। हालांकि महासचिव पद पर ABVP के बागी छात्रनेता अभिषेक मीणा, नितिन शर्मा, जितेन्द्र कुमार मैदान में हैं। गौरतलब है कि ABVP ने महासचिव का टिकट अरुण शर्मा को दिया है।

माहौल की बात करें तो अमित बड़बड़वाल की छात्रों के बीच कम पकड़ उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। महासचिव पद पर भी अरुण शर्मा मंजे हुए खिलाड़ी नजर नहीं आते।

यह कहा जा सकता है 2019 के छात्रसंघ चुनाव में बागियों की लहर बीते सालों के मुकाबले धीमी है। ऐसे में यूनिवर्सिटी को अध्यक्ष किसी संगठन से मिलने के आसार नज़र आ रहे हैं।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago