राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव-2019 के परिणाम सामने आ गए हैं। आरयू में एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी पूजा वर्मा ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। पूजा एनएसयूआई की बागी बताई जा रही है। वहीं, महासचिव पद पर एनएसयूआई के महावीर गुर्जर ने एबीवीपी के अरुण शर्मा को हराया। उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की प्रियंका मीणा और संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी की किरण मीणा को जीत मिली है। पूजा वर्मा ने आरयू की 37वीं अध्यक्ष के रूप में शाम करीब 5.30 बजे शपथ पद ली। उनके साथ ही महासचिव पद पर महावीर गुर्जर, उपाध्यक्ष प्रियंका मीणा और संयुक्त सचिव किरण मीणा ने शपथ ली है।
राजस्थान यूनिवर्सिटी में इस बार अपेक्स के चार पदों में से 3 पर महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। सिर्फ़ महासचिव पद पर पुरुष प्रत्याशी को जीत मिली है। इसके अलावा आरयू में लगातार चौथी बार निर्दलीय प्रत्याशी ने अध्यक्ष पर जीत दर्ज की है। दोनों प्रमुख छात्र संगठन यहां पिछले कुछ वर्षों से चुनाव जीतने में नाक़ाम रहे हैं। एबीवीपी जहां पिछले 6 बार से हार का सामना कर रही है, वहीं एनएसयूआई पिछले चार साल से जीत हासिल नहीं कर सकी हैं। एबीवीपी की ओर से साल 2013 में कानाराम जाट को जीत नसीब हुई थी। एनएसयूआई के सतवीर चौधरी ने वर्ष 2016 में आखिरी बार चुनाव जीता था।
आरयू स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन में अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करने वाली निर्दलीय पूजा वर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एनएसयूआई के उत्तम चौधरी को 676 वोटों से हराया है। जीत दर्ज करने वाली पूजा को 3890, दूसरे नंबर पर रहे उत्तम को 3214 और तीसरे स्थान पर लुढ़के एबीवीपी के अमित बड़बड़वाल को 2975 वोट मिले हैं। वहीं, महासचिव पद पर एनएसयूआई के प्रत्याशी महावीर गुर्जर ने एबीवीपी के अरुण शर्मा को 1305 वोटों से मात दी। महावीर को 3726 वोट मिले तो अरुण के खाते में 2421 वोट आए। उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की प्रियंका मीणा को 4035 वोट मिले। वहीं, संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी की किरण ने 2586 वोट से जीत दर्ज की।
आरयू की दूसरी महिला अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल करने वाली पूजा वर्मा ने साल 2014 में महारानी कॉलेज से चुनाव लड़ा था। वह एनसीसी में सी सर्टिफिकेट भी हासिल कर चुकी है। इसके अलावा उसने राजस्थान यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की है। वह पिछले कुछ समय से छात्र हितों के लिए काम कर रही है। पूजा ने 7-8 बार तीरंदाजी में नेशनल खेला है और वह एक बार गोल्ड मेडल भी हासिल कर चुकी है।
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बता दें, आरयू में 19वीं बार निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। जबकि एबीवीपी को 9 बार और एनएसयूआई को सिर्फ़ चार बार चुनाव जीतने में सफ़लता मिली है।
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