ये हुआ था

क्रांतिकारी मंगल पांडे ने चर्बी लगे कारतूसों का इस्तेमाल करने से कर दिया था इंकार

भारत की आज़ादी के लिए ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध सशस्त्र क्रांति का आगाज करने वाले शुरुआती स्वतंत्रता क्रांतिकारियों में से एक मंगल पांडे का आज 19 जुलाई को 196वीं जयंती है। उनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से अंग्रेजी हुकूमत की जड़े हिल गई थीं। मंगल पांडे ने चर्बी लगे कारतूसों का इस्तेमाल करने से साफ़ मना कर दिया था। यहां तक कि उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान तक कर दिया। हालांकि, बाद में अंग्रेजों ने वर्ष 1857 के विद्रोह को दबा दिया, पर मंगल पांडे की शहादत ने देश में लोगों के बीच जो क्रांति के बीज बोए, उसके बाद भारत से अंग्रेजी शासन को बाहर करने में 100 साल से भी कम समय लगा। इस खास अवसर पर जानिए देश के महान क्रांतिकारी मंगल पांडे के जीवन के बारे में कुछ अनसुने किस्से…

स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे का जीवन परिचय

क्रांतिकारी मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई, 1827 को उत्तरप्रदेश के बलिया जिले स्थित नगवा गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और माता का नाम अभय रानी था। वर्ष 1849 में वे ’34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री’ सेना की पैदल टुकड़ी में भर्ती हो गए और मंगल इसमें 1446 नंबर के सिपाही थे। माना जाता है कि भारत की आजादी के वर्ष 1857 के संग्राम की शुरुआत उन्हीं के विद्रोह से हुईं।

ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ इसलिए खड़े हुए

जब भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था, तब कंपनी भारतीय जनता में से ही सैनिकों की भर्ती करती थी। मंगल पांडे 22 वर्ष की उम्र में कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री में एक सिपाही के रूप में भर्ती हो गए थे। ईस्ट इंडिया कंपनी की सैनिक टुकड़ियों में पहले से ही भारतीय सैनिकों के साथ भेदभाव होते थे। ​अंग्रेज उनको हीन भाव से देखा करते थे और भारतीयों का धर्म भ्रष्ट करने का कोई भी मौका नहीं गंवाते थे। ऐसे में देशी सैनिकों में लगातार असंतोष बढ़ता जा रहा था।

बैरकपुर में पोस्टिंग के दौरान हुई एक घटना-क्रम ने मंगल पांडे का जीवन बदल दिया था। ब्रिटिश सरकार ने भारत में नई राइफल लांच की, जिसका नामक एनफील्ड राइफल था। इसका उपयोग भारतीय सैनिकों को करना था। इस राइफल में प्रयुक्त कारतूसों के मुंह पर गाय और सूअर की चर्बी लगी होती थी, जिसके उपयोग करने को हिन्दू-मुसलमान सैनिक अपने धर्म के विरूद्ध मानते थे।

इन कारतूस के उपयोग से हिन्दू-मुस्लिम सैनिकों में आक्रोश फैलने लगा, क्योंकि राइफल का उपयोग करते समय सैनिकों को पहले कारतूस पर लगे चर्बी को मुंह से छीलकर हटाना पड़ता था। इस कारण भारतीय सैनिकों को लगने लगा की अंग्रेज उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मंगल पांडे भी उन सैनिकों में से एक थे। इससे वे क्रोधित हुए और उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने की योजना बनाईं।

अंग्रेज अधिकारी मेजर ह्यूसन को मौत के घाट उतारा

ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा गाय और सुअर की चर्बी लगे कारतूसों के उपयोग से भारतीयों के धार्मिक हितों को ठेस पहुंच रही थी, ऐसे में 29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने अंग्रेज अधिकारियों के आदेश मानने से इनकार कर दिया। वे परेड ग्राउंड से रेजिमेंट गार्ड रूम पर पहुंचे और अन्य सैनिकों को भी विद्रोह के लिए उकसाने लगे। उनकी राइफल छीनने के लिये आगे बढे अंग्रेज अफसर मेजर ह्यूसन को उन्होंने मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद पांडे ने एक और अंग्रेज अधिकारी लेफ्टिनेंट बॉघ को भी मार गिराया था। आखिर में मंगल पांडे को अंग्रेज सिपाहियों ने पकड़ लिया। इस प्रकार चर्बी लगे कारतूस का प्रयोग ईस्ट इंडिया कंपनी शासन के लिए घातक सिद्ध हुआ और पांडे ने बैरकपुर छावनी में 29 मार्च, 1857 को अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया।

क्रांतिकारी पांडे ने ‘मारो फिरंगी को’ नारा दिया

क्रांतिकारी मंगल पांडे ने अंग्रेजों के विरूद्ध स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘मारो फिरंगी को’ का नारा दिया। उस समय देश में अंग्रेजों को फिरंगी के नाम से पुकारा जाता था।

मंगल पांडे को तय समय से पहले दी गई थी फांसी

मंगल पांडे पर कोर्ट मार्शल द्वारा मुकदमा चलाकर 6 अप्रैल, 1857 को फांसी की सजा सुना दी गयीं। फैसले के अनुसार उन्हें 18 अप्रैल, 1857 को फांसी दी जानी थी, पर ब्रिटिश सरकार ने पांडे को निर्धारित तारीख से दस दिन पूर्व में ही 8 अप्रैल, 1857 को फांसी दे दी। इस तरह मंगल पांडे ने खुद को देश के लिए बलिदान कर दिया।

Read: अरुणा आसफ अली ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जमकर की थी विरोध सभाएं

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

9 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

9 months ago