Report: Only 21 percent of urban people have term insurance.
दुनिया के अधिकांश देशों में जीवन बीमा अनिवार्य रूप से लागू किया गया है। इसके पीछे का कारण यह है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसके परिवार में कोई कमाने वाला सदस्य नहीं है ऐसी स्थिति में जीवन बीमा उसके परिवार के सदस्यों या आश्रितों को वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराने का काम करता है। लेकिन हमारे देश के हालिया आंकड़े बताते हैं कि यहां लोगों को इस बारे में परवाह ही नहीं है। ऐसेे में किसी व्यक्ति के गुज़र जाने के बाद परिवार के अन्य लोगों के जीवन पर संकट आ जाता है। आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्रों की स्थिति बड़ी चिंताजनक बताई गयी है । अब यह कयास लगाना आसान है कि ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी ज्यादा बेकार होगी।
मैक्स लाइफ और कैनटार आईएमआरबी के सर्वे के मुताबिक, भारतीय शहरों में जीवन बीमा लेने वाले हर पांच लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति के पास ही टर्म इंश्योरेंस प्लान है। रिपोर्ट के अनुसार सिटी में रहने वाले दो तिहाई भारतीयों यानी करीब 65 फीसदी लोगों के पास किसी न किसी प्रकार का लाइफ इंश्योरेंस प्लान है। लेकिन इनमें करीब 21 प्रतिशत के पास ही टर्म इंश्योरेंस है। इससे साफ होता है कि शहरों की लगभग 80 फीसदी आबादी टर्म इंश्योरेंस से दूर है। ऐसे में किसी परिवार के कमाने वाले सदस्य की अचानक मृत्यु हो जाती है तो इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों को आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सर्वे बताता है कि भारतीय लोग इस मामले में बेहद लापरवाह है। जबकि दुनिया के कई देशों में लोगों का जीवन बीमा प्रतिशत सौ फीसदी है।
इस सर्वे में यह भी सामने आया है कि 53 फीसदी शहरी लोग टर्म इंश्योरेंस और इससे मिलने वाले फायदे के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। टर्म इंश्योरेंस करा चुके 57 प्रतिशत लोगों को यह नहीं पता कि उनका जीवन बीमा कवर कितने रुपये का है। 70 फीसदी लोग यह मानते हैं कि टर्म इंश्योरेंस कमाऊ सदस्य के लिए होता है, अन्य के लिए नहीं। 80 फीसदी लोगों को नहीं पता कि अगर कोई गंभीर बीमारी हुई, तो इसके इलाज पर कितना खर्च आ सकता है। मात्र 10 प्रतिशत टर्म इंश्योरेंस लेेने वाले लोगों ने ही गंभीर बीमारी का कवरेज भी ले रखा है।
टर्म इंश्योरेंस को वित्तीय रूप से सुरक्षा के लिहाज से सबसे मौलिक और सस्ता साधन माना गया है। टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की सबसे आम वजह किसी अप्रत्याशित घटना से परिवार को संरक्षण प्रदान करना है। जीवन बीमा पॉलिसी से मुआवजे के रूप में मिली रकम का उपयोग कर परिवार के आश्रित सदस्य के अगले कई साल के खर्च उठाए जा सकते हैं। जीवन बीमा जानकार बताते हैं कि अगर आप जॉब में हों, अपना कारोबार कर रहे हों या पेशेगत कुशलता से जुड़े काम में हों, आपको अपनी सालाना आमदनी का कम से कम 10 गुना जीवन बीमा कवर जरूर लेना चाहिए। यह पॉलिसी व्यक्ति के नहीं रहने की स्थिति में उसके परिवार को वित्तीय जोखिम में सुरक्षा प्रदान करता है।
टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी एक ऐसा इंश्योरेंस है जिसमें निश्चित समय सीमा के लिए निश्चित राशि का इंश्योरेंस होता है। इसके लिए प्रीमियम का भुगतान एक बार में या सालाना दिया जाता है। हालांकि कुछ बीमा कंपनियां छह महीने और हर महीने प्रीमियम चुकाने की सुविधा भी उपलब्ध कराती है। अगर समय सीमा के भीतर किसी इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी को पॉलिसी की शर्तों के अनुसार एकमुश्त भुगतान किया जाता है। गौरतलब है कि मैक्स लाइफ और कैनटार आईएमआरबी द्वारा यह सर्वे देशभर के 15 मेट्रोपॉलिटन और टियर-1 शहरों के 4,566 लोगों से आंकडें एकत्र कर निकाले गए हैं।
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