बॉलीवुड में ऐसे कई अभिनेता हैं, जिन्होंने सिने पर्दे पर अपनी धाकड़ आवाज और दमदार डायलॉग डिलीवरी से दर्शकों का दिल जीत लिया। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के ‘एंग्री मैन’ कहे जाने वाले अभिनेता अजय सिंह देओल उर्फ सनी देओल की। आज 19 अक्टूबर को सनी देओल अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। हिंदी सिनेमा में सनी ने कई सालों तक सिने पर्दे पर राज किया है।
अपनी फिल्मों में अभिनेता सनी देओल ने ऐसे कमाल के डायलॉग बोले हैं, जो आज भी हर उम्र के लोगों की जुबान पर हैं। फिल्म ‘दामिनी से लेकर ‘गदर: एक प्रेम कथा’ तक ना जानें कितनी ही ऐसी फिल्में है, जिसमें सनी ने अपने दमदार डायलॉग से सभी को रोमांचित कर दिया। ऐसे में इस ख़ास अवसर पर पढ़िए बॉलीवुड के इस मशहूर अभिनेता की ब्लॉकबस्टर फिल्मों के कुछ शानदार डायलॉग्स…
रिलीज डेट – 30 अप्रैल, 1993
1.”चिल्लाओ मत। नहीं तो ये केस यहीं रफा दफा कर दूंगा। न तारीख, न सुनवाई, सीधा इंसाफ। वो भी ताबड़तोड़।”
2.”मैदान में खुले शेर का सामना करोगे, तुम्हारे मर्द होने की गलतफहमी दूर हो जाएगी।”
3.”तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख…तारीख पर तारीख मिलती रही है, मायलॉर्ड मगर इंसाफ नहीं मिला…मिली है तो सिर्फ यह तारीख।”
4.”चड्ढा, समझाओ.. इसे समझाओ. ऐसे ख़िलौने बाज़ार में बहुत बिकते हैं, मगर इसे खेलने के लिए जो जिगर चाहिए न, वो दुनिया के किसी बाज़ार में नहीं बिकता, मर्द उसे लेकर पैदा होता है।”
5. “जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पे पड़ता है, तो आदमी उठता नहीं…उठ जाता है।”
6.”अगर अदालत में तूने कोई बद्तमीजी की तो वहीं मारूंगा. जज ऑर्डर ऑर्डर करता रहेगा और तू पिटता रहेगा।”
रिलीज डेट – 8 नवंबर, 1996
1.”पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है।”
2.”ये मजदूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है।”
3.”जाकर दुम हिलाना उनके सामने…तलवे चाटना..बोटियां फेकेंगे बोटियां”
4.”डराकर लोगों को वो जीता है, जिनकी हड्डियों में पानी भरा होता है।”
5.”मर्द बनने का इतना ही शौक है, तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दें।”
6.”जो दर्द तुम आज महसूस करके मरना चाहते हो, ऐसे ही दर्द लेकर हम रोज़ जीते हैं।”
रिलीज डेट – 11 अप्रैल, 1997
1.”पत्थरों की दुनिया में देवता बनना तो बहुत आसान है, इंसान बनना बहुत मुश्किल।”
2.”वक्त और मौत का कोई तालमेल नहीं होता।”
3. “पांच बजे के बाद देवा की अदालत शुरु होती है।”
4.”अगर दुबारा तूने ऐसी गलती की, तो तेरा वो हस्र करूंगा, कि तूझे अपने हाथों से अपनी जिंदगी फिसलती नजर आएगी।”
5.”मौत और वक्त का कोई तालमेल नहीं होता।”
रिलीज डेट – 15 जून,2001
1.”अशरफ अली! आपका पाकिस्तान जिंदाबाद है इससे हमें कोई ऐतराज नहीं, लेकिन हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा।”
2. “मैं अपने बीबी बच्चों के लिए सर झुका सकता हूं। तो मैं सबके सर काट भी सकता हूं।”
3.”एक कागज पर मोहर नहीं लगेगी, तो क्या तारा पाकिस्तान नहीं जाएगा?”
4.”बरसात से बचने की हैसियत नहीं और गोलीबारी से बचने की बात कर रहे हैं आप लोग।”
5.”बाप बनकर बेटी को विदा कर दीजिए, इसी में सबकी भलाई है, वरना अगर आज ये जट बिगड़ गया तो सैकड़ों को ले मरेगा।”
6.”इतने टुकड़े करुंगा कि पहचाना नहीं जाएगा।”
रिलीज डेट – 13 जून, 1997
1.”जिंदगी का दूसरा नाम प्रॉब्लम है।”
2.”हम ही हम हैं तो क्या हम है, तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो।”
3.”पहली गोली वो चलाएगा और आखिरी गोली हम।”
4.”मेरी जुंबान से, मेरे हाथ ज्यादा अच्छे बोलते हैं।”
5.”इससे पहले कि मैं तूझे गद्दार करार देकर गोली मार दूं, भाग जा यहां से।”
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