अपनी फीटनेस को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता है। खासकर महिलाएं अपनी हेल्थ को लेकर काफी कॉन्शियस हो गई है। बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता मोटापा महिलाओं के लिए एक बड़ी समस्या है। जिसे दूर करने के लिए ज्यादातर महिलाएं डाइटिंग का सहारा लेतीं है। लेकिन क्या आप जानते है यह डाइटिंग ही आपके शरीर पर भारी पड़ सकती है। जी हां, डाइटिंग करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसा हम नहीं बल्कि सामने आई एक रिपोर्ट कह रही है।
रिपोर्ट्स की मानें तो देश में गॉल ब्लैडर(पित्त की थैली) कैंसर महिलाओं में तेजी से फैल रहा है। महिलाओं में सवाईकल और ब्रेस्ट कैंसर होने से ज्यादा गॉल ब्लैडर के कैंसर होने का खतरा बढ़ा है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2015 से लेकर 2020 के बीच यह करीब 50 प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है। चिकित्सकों ने इसकी वजह महिलाओं की डाइटिंग या अधिक समय तक भूखा रहना बताया जा रहा है। दरअसल लंबे समय तक भूखे रहने की वजह से पित्त निकल नहीं पाता, जो पत्थर के रुप में जमकर स्टोन और फिर कैंसर का रुप धारण कर लेता है।
गॉल ब्लैडर एक छोटे आकार का अंग है जो कि लिवर के नीचे पाया जाता है। इसमें खाने को पचाने वाला लिक्विड बाइल मौजूद होता है जो लीवर से बनता है। यह शरीर में कई जहरीले तत्वों को हटाने का भी काम करता है। ध्यान दे गॉल ब्लैडर शरीर के लिए उपयोगी जरूर है मगर यह अंग शरीर के लिए आवश्यक नहीं है, इसके बिना भी शरीर जीवित रह सकता है।
गॉल ब्लैडर होने का सबसे ज्यादा खतरा अधिक उम्र की महिलाओं में देखने को मिला है। देश में यह 45 की उम्र से अधिक उम्र वालों में देखे जाते हैं। शुरुआती दौर में इसके लक्षण सामने नहीं आते। इसके बावजूद पीलिया होना, पेट में बार-बार दर्द रहना, उल्टी, बुखार का होना। ऐसे लक्षणों को कभी नजर अंदाज ना करें। अपने चिकित्सक के पास तुरंत पहुंचे। इस रोग के अधिकांश रोगी अंतिम स्टेज में चिकित्सक के पास पहुंचते है।
गॉल ब्लैडर कैंसर होने के कई कारण सामने आए हैं। जिनमें महिलाओं के रहन-सहन, खान-पान, मोटापा, शुगर, खान पान, रसायन इनके होने के मुख्य कारणों में से हैं। लंबे समय तक भूखे रहने से पित्त रिलीज न होकर क्रिस्टल में जमा होकर पथरी बन जाता है जो बाद में कैंसर का रूप लेता है।
गॉल ब्लैडर के कैंसर का इलाज सर्जरी है। मगर इस मामले में करीब 70 प्रतिशत लोग लास्ट स्टेज पर डॉक्टर के पास पहुंचते है जहां कीमोथेरेपी ही इसका एकमात्र इलाज है।
40 का पड़ाव पार करने के बाद महिलाओं को हेल्थ पर खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं अपने खान-पान पर ज्यादा ध्यान दें। खाने के दौरान ज्यादा लंबा अंतराल रखने से बचें। फिटनेस के लिए डाइटिंग की बजाय एक्ससाइज को ज्यादा तवज्जो दें। तबीयत खराब होने पर उसे नजरअंदाज ना करें और तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
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