भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद नतीजों की घोषणा की है। इस बैठक में लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती करने का फैसला लिया गया है। आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति में 0.35 आधार अंकों की कटौती का निर्णय लिया है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटकर 5.40 फीसदी पर आ गई है। आरबीआई का यह कदम लोगों को काफी राहत पहुंचाएगा। इससे लोन लेना सस्ता होगा। इसके अलावा, जीडीपी विकास दर के अनुमान को घटाते हुए इसे 7% से घटाकर 6.9% कर दिया गया है।
आरबीआई की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के दो सदस्य चेतन घटे और पामी दुआ 0.35 आधार अंकों की कटौती के पक्ष में नहीं थे। वे इसे 0.25 अंकों तक सीमित रखने के पक्ष में थे। हालांकि समिति के चार सदस्य रविंद्र ढोलकिया, देवब्रत पात्रा, बिभु प्रसाद और गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस कटौती का समर्थन किया है।
यहीं नहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती की है। रिवर्स रेपो रेट 5.50 फीसदी थी जो घटकर 5.15 फीसदी हो गई है। रिवर्स रेपो रेट के अंतर्गत बैंकों को आरबीआई में जमा राशि पर ब्याज मिलता है। आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती करने से बैंकों पर होम लोन और ऑटो लोन पर ब्याज दर कम करने का दबाव बढ़ेगा।
जहां आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है वहीं उसने चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी के बारे में अनुमान को 6.9 फीसदी कर दिया है जो पहले 7 फीसदी निश्चित किया गया था। केंद्रीय बैंक ने यह निर्णय तब लिया जब केंद्र में दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8 फीसदी के जीडीपी ग्रोथ के लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास कर रही है। इससे पूर्व केंद्रीय बैंक ने जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 7.0 फीसदी कर दिया था। आरबीआई के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020 की पहली छमाही में 5.8-6.6 फीसदी जबकि दूसरी छमाही में 7.3-7.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है।
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आरबीआई ने बैंकों की रेपो रेट में लगातार कटौती कर पैसा उपलब्ध करवाने की कोशिश की है लेकिन बैंक इसे अपने ग्राहकों तक पहुंचाने से बच रहा है। अगर बैंक अपने ग्राहकों तक इस कटौती को पहुंचाता है तो उन लोगों को लाभ होगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है। यही वजह है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा था।
आरबीआई ने अपनी पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती की है। अगस्त में लगातार चौथी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है, जो आरबीआई के इतिहास में पहली बार हुआ है।
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