जहां एक तरफ देश में लाखों युवा पर्याप्त रोज़गार की कमी के कारण बेरोज़गारी का सामना कर रहे हैं, वहीं कई को नौकरी में ज्यादा विकल्प न होने के कारण कम सैलरी पैकेज पर जॉब करनी पड़ रही है। तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी मासिक सैलरी आम नौकरी पेशा वाले व्यक्ति की जीवनभर की कमाई से ज्यादा है। जी हां, ऐसे ही एक शख़्स हैं रवि झुनझुनवाला जिनकी वार्षिक सैलरी 100 करोड़ रुपये के पार है। करीब 200 करोड़ रुपये सालाना कर्मचारियों की तनख़्वाह पर खर्च करने वाली इस कंपनी में अकेले रवि की सैलरी सौ करोड़ से ज्यादा हैं। आइए हम बताते हैं रवि झुनझुनवाला कौन है और किस काम के लिए वह इतनी सैलरी पाते हैं..
रवि झुनझुनवाला हिंदुस्तान इलेक्ट्रो–ग्रेफाइट्स (एचईजी) लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) है। इसके अलावा उनकी पहचान बिजनेसमैन एलएन झुनझुनवाला के बेटे के रूप में भी है। एचईजी ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड उत्पादन करने वाली भारत की लीडिंग कंपनियों में से एक है। एचईजी की वार्षिक रिपोर्ट की जानकारी के अनुसार, कंपनी के सीएमडी रवि को वित्त वर्ष 2018-19 में 121.37 करोड़ रुपये बतौर सैलरी मिले हैं। जबकि कंपनी की पूरे वित्त वर्ष में कर्मचारियों पर आने वाला कुल खर्चा 198 करोड़ रुपये ही है। इसमें से 121 करोड़ अकेले रवि झुनझुनवाला को मिले। उल्लेखनीय है कि पिछले वित्त वर्ष में ग्रेफाइट की कीमतों में आए उछाल के चलते कंपनी के मुनाफ़े में रिकॉर्ड बढ़त हुई थी। आंकड़ों के अनुसार, मार्च में खत्म वित्त वर्ष में एचईजी की बिक्री 140 फीसदी बढ़कर 6593 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, कंपनी का मुनाफा 175 प्रतिशत बढ़कर 3026 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
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अंग्रेजी के बिजनेस न्यूज पेपर इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक ख़बर के मुताबिक़, कई कॉरपोरेट गवर्नेंस फर्म ने एचईजे प्रमुख रवि झुनझुनवाला की इतनी ज्यादा सैलरी पर सवाल उठाए हैं। कॉरपोरेट नियमों के अनुसार, प्रमोटर्स और शेयरधारकों की सैलरी बहुत ज्यादा नहीं हो सकती है। किसी भी कंपनी को मुनाफा को सभी शेयरधारकों में डिविडेंड के तौर पर बांटा जाना चाहिए। कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार, किसी कंपनी का कोई एक मैनेजर शुद्ध मुनाफे के 5 फीसदी से ज्यादा वेतन नहीं ले सकता है।
एलएनजे ग्रुप भीलवाड़ा की कंपनी एचईजी लिमिटेड ग्रैफाइट इलेक्ट्रोड का उत्पादन का काम करती है। एलएनजे ग्रुप की स्थापना 1960 में एलएन झुनझुनवाला ने की थी। रवि झुनझुनवाला को कंपनी के नियम के अनुसार कुल लाभ में से 2.5 फीसदी तक कमीशन दिया जाता है, जिसकी वजह से उनके वेतन में करीब 119 करोड़ रुपये बतौर कमीशन शामिल है। इकोनॉमिक टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़, वर्ष 2017-18 में रवि झुनझुनवाला की वार्षिक सैलरी सिर्फ 43.33 करोड़ रुपये थी। लेकिन अब रवि की इस बहुत ज्यादा सैलरी ने शेयरधारकों और कॉरपोरेट गवर्नेंस फर्मों के बीच बैचेनी बढ़ा दी है।
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