Despite love marriage Randhir Kapoor is living separately from his wife for 35 years.
हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध अभिनेता-फिल्म निर्माता राज कपूर के बड़े बेटे और अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पोते फिल्म निर्माता-निर्देशक व अभिनेता रणधीर कपूर का आज 15 फ़रवरी को 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। फैंस के बीच वे डब्बू के रूप में लोकप्रिय हैं। रणधीर का जन्म वर्ष 1947 में मुंबई में हुआ था। वे सिने पर्दे पर पहली बार बाल कलाकार के रूप में फिल्म ‘श्री 420’ में दिखाई दिए। बतौर लीड एक्टर के रूप में उनकी पहली फिल्म ‘कल आज और कल’ थी, जो वर्ष 1971 में रिलीज़ हुई थी।
जल्द ही अभिनेता ‘जीत’, ‘जवानी-दीवानी’ जैसी फिल्मों का हिस्सा बनें और धीरे-धीरे अपनी हिट फिल्मों के दम पर बॉलीवुड में एक अलग मुकाम हासिल किया। रणधीर कपूर का सीने सफर बड़ा हसीन रहा है। ना सिर्फ फिल्मों में अभिनय के जरिये बल्कि फिल्म निर्माता, निर्देशक के रूप में भी खूब नाम कमाया। इस खास अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें…
रणधीर कपूर ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1971 में की थी और तब से 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। वर्ष 1969 में रणधीर ‘संगम’ के सेट पर अपने पिता राज कपूर के साथ जाया करते थे। बबीता भी वहां मौजूद रहतीं। इसी दौरान युवा रणधीर को बबीता से प्यार हो गया।
उन्होंने सेट पर मिलना शुरू कर दिया, लेकिन दो साल के रिश्ते में, बबीता को चिंता होने लगी क्योंकि यह कपूर परिवार की परंपरा थी कि शादी के बाद कपूर परिवार की बहुएं फिल्मों में काम नहीं करेंगी। इसलिए, उसने रणधीर से कहा कि वह उससे शादी करे या उन्हें छोड़ दें।
अभिनेता रणधीर ने एक फिल्म के जरिए पिता राज कपूर को अपने और बबीता के प्यार के बारे में बता दिया, लेकिन शुरुआत में राज कपूर ने इस रिश्ते का विरोध किया। बबीता के लिए अपने बेटे अभिनेता रणधीर के प्यार को महसूस करने के बाद राज कपूर ने इस रिश्ते के लिए राजी तो हुए, मगर उन्होंने शर्त रखी कि बबीता को शादी के लिए अभिनय छोड़ना होगा।
आखिरकार 6 नवंबर 1971 को रणधीर और बबीता ने कपूर निवास पर शादी कर ली। बबीता ने रणधीर से शादी करने के लिए अभिनय छोड़ दिया। उस समय रणधीर का कॅरियर बहुत अच्छा चल रहा था और 1974 में, उनकी पहली संतान करिश्मा कपूर पैदा हुईं। धीरे-धीरे रणधीर के कॅरियर में गिरावट आने लगी और 1980 के दशक तक, उनकी कोई भी फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं।
वर्ष 1981 में रणधीर कपूर और बबीता के संबंधों पर वित्तीय संकट शुरू हो गया। 1980 के दशक के मध्य तक रणधीर एक फ्लॉप हीरो के रूप में पहचाने जाने लगे। उस समय तक उन्होंने अधिक शराब पीना शुरू कर दिया और फिल्मों में गंभीरता से लेना कम कर दिया। और आखिरकार वर्ष 1987 में बबीता ने रणधीर से अलग होने का फैसला किया। यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और मीडिया में खलबली मच गईं।
वर्ष 1988 तक रणधीर अपने माता-पिता के साथ रहने लग गये और बबीता अपने अपार्टमेंट में दोनों बच्चों करिश्मा और करीना के साथ रहने लगी। अब अपनी असफल शादी पर दुखी होने के बजाय, वह अगले कुछ वर्षों तक मजबूत रही। बबीता ने करिश्मा और करीना की उनके करियर को संवारने में मदद की इस दौरान उनके और रणधीर के बीच लगभग कोई संपर्क नहीं हुआ।
हालांकि, 2000 के दशक की शुरुआत में उन्होंने थोड़े संपर्क के साथ शुरुआत की और अंततः वर्ष 2007 में 19 साल के अलगाव के बाद दोनों ने अपने मतभेदों को खत्म कर एक नये सिरे से नये रिश्ते की शुरुआत की। भले ही वर्ष 2007 सुलह की उम्मीद के साथ आया, लेकिन 19 साल के अलगाव ने रणधीर और बबीता के व्यक्तित्व को पूरी तरह से बदल दिया था। वे अब अक्सर एक दूसरे से मिलते हैं। वर्ष 2023 तक रणधीर और बबीता को अलग हुए 35 साल हो चुके हैं।
बबीता के 70वें जन्मदिन की पार्टी में मीडिया बातचीत में रणधीर कपूर ने खुलासा किया था कि दोनों ने एक-दूसरे को तलाक क्यों नहीं दिया। उन्होनें मीडिया को बताया कि, “तलाक किसलिए? हमें तलाक क्यों चाहिए? मैं दोबारा शादी करने का इरादा नहीं करता और न ही वह। उसने पाया कि मैं एक भयानक आदमी था, जो बहुत पीता था और देर से घर आता था, जो वह नहीं चाहती थी। और मैं उस तरह से नहीं जीना चाहता था जिस तरह से वह चाहती थी और वह मुझे वैसे ही स्वीकार नहीं कर सकती थी जैसा मैं हूं।
हालांकि यह एक प्रेम विवाह था। तो ठीक है। हमारी देखभाल करने के लिए दो प्यारे बच्चे थे। उसने उन्हें बेहतरीन तरीके से पेश किया और उन्होंने अपने करियर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। एक पिता के रूप में मैं और क्या माँग सकता था?”
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