राजस्थान में कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया है। कुछ समय पहले कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। वहीं सचिन पायलट को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है।
अशोक गहलोत की बात करें तो वे राजस्थान में कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं। 3 मई 1951 को राजस्थान के जोधपुर में मशहूर जादूगर लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर जन्मे अशोक पिछले चार दशक के कॅरियर में कई मौकों पर राजनीतिक जादू दिखाते रहे हैं। विज्ञान और कानून से ग्रेजुएशन के बाद अर्थशास्त्र से एमए की पढ़ाई करने वाले अशोक गहलोत की गिनती लो-प्रोफाइल नेताओं में होती है। तड़क-भड़क से दूर लेकिन राजनीतिक समर्थकों की फौज से घिरे रहने वाले 67 वर्षीय अशोक गहलोत के बारे में कहा जाता है कि वह 24 घंटे अपने कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध रहते हैं। सादगी पसंद भी हैं। करीबी बताते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान अपनी गाड़ी में पारले-जी बिस्किट रखते हैं तो कहीं भी सड़क पर उतरकर चाय-पानी करने के बहाने जनता की नब्ज भांपने की कला का बखूबी इस्तेमाल करते हैं।
27 नवंबर 1977 को सुनीता गहलोत से शादी रचाने के बाद गहलोत की दो संतान है। बेटे का नाम वैभव तो बेटी का नाम सोनिया है। अशोक गहलोत कांग्रेस के ऐसे नेता हैं, जो कांग्रेस की कई पीढ़ियों की सियासत के गवाह रहे हैं। उन्हें तीन-तीन प्रधानमंत्रियों के मंत्रिमंडल में काम करने का मौका मिल चुका है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में शामिल रहे। नेहरू-गांधी परिवार और राहुल गांधी के भरोसेमंद नेताओं में शुमार अशोक गहलोत छात्र राजनीति से इस मुकाम तक पहुंचे हैं। कभी एनएसयूआई की राजनीति करने वाले अशोक गहलोत बाद में यूथ कांग्रेस और सेवा दल से होते हुए कांग्रेस में पहुंचे। राजस्थान में 34 साल में प्रदेश अध्यक्ष होने का भी तमगा उनके पास है
— 2004-2008 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे।
— 2003 में अपनी सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी विपक्ष में बैठना पड़ा था, क्योंकि सरकार वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी की बन गई थी।
— पहली बार एक दिसंबर 1 दिसंबर 1998 को मुख्यमंत्री बने। फिर सरदारपुर से उपचुनाव जीतकर विधायक बने।
— आठ दिसंबर 2003 तक मुख्यमंत्री रहे।
— 2008 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने जीता तो 13 दिसंबर 2013 तक मुख्यमंत्री रहे।
— कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के कुछ महीने बाद इस साल अप्रेल में राहुल गांधी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल करते हुए महासचिव बनाया।
— गहलौत ने पहली बार 1980 में जोधपुर से लोकसभा चुनाव जीता।
— फिर वह 1984, 1991, 1996 और 1998 में चुनाव जीतकर सांसद बने।
— 1999 में सरदारपुरा जोधपुर से विधानसभा का उपचुनाव जीते।
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