गुलाबी शहर

आरयू इलेक्शन 2019 : कल होंगे यूनियन के लिए मतदान, बागी पूजा के मैदान में होने से बदल सकते हैं समीकरण

राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच पिछले कुछ महीनों से छात्रसंघ चुनावों को लेकर हलचल चल रही हैं। पिछले कई दिनों से अपनी अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार में जुटे छात्रों के लिए कल यानी मंगलवार को फैसले की घड़ी है। आरयू में 27 अगस्त को अध्यक्ष व अन्य पदों के लिए मतदान होगा और रिजल्ट अगले दिन यानी 28 अगस्त को जारी होगा। चुनाव प्रचार थम चुका है अब उम्मीदवार निजी तौर पर छात्रों से मिलकर अपने पक्ष में वोट डालने लिए मनुहार कर रहे हैं।

Puja Verma

त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर

पिछले दिनों के प्रचार पर गौर किया जाए तो यूं तो हर उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहा है लेकिन समीकरणों पर ध्यान दिया जाए तो एक बार फिर इस इलेक्शन में त्रिकोणीय मुकाबला नज़र आ रहा है। गौरलतब है कि पिछले तीन छात्रसंघ चुनावों में बागियों ने ही जीत का परचम लहराया था। ऐसे में इस बार भी एनएसयूआई की बागी प्रत्याशी पूजा वर्मा ने चुनाव मैदान में उतरकर इस मुकाबले को रोचक बना दिया है।

खबरों के अनुसार छात्रसंघ चुनाव के समीकरण एक बार फिर से बनते बिगड़ते दिख रहे हैं। टिकट वितरण के समय लग रहा था कि मुकाबला इस बार दोनों मुख्य छात्र संगठन यानी एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच ही होगा लेकिन वोटिंग के दिन नजदीक आते आते यह समीकरण अब बागियों के दमखम पर टिक गया है। अध्यक्ष पद पर तीन प्रत्याशी आगे दिख रहे है इनमें एबीवीपी के अमित बड़बड़वाल और एनएसयूआई के उत्तम चौधरी को एनएसयूआई की बागी प्रत्याशी पूजा वर्मा चुनौती देती दिख रही है। वहीं बागी मुकेश चौधरी भी वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं।

Uttam and Amit

बागी रोचक बना सकते हैं मुकाबला

इस बीच महासचिव पद की बात करें तो यहां पर भी संगठनों के बागी मुकाबले को रोचक बना सकते हैं। एबीवीपी के बागी नीतिन शर्मा इस मुकाबले में हैं। वहीं राजेश चौधरी ने मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है। यहां पर एनएसयूआई के महावीर गुर्जर और एबीवीपी के अरूण शर्मा मैदान में है, जबकि एबीवीपी के बागी नीतिन शर्मा मुकाबले में संगठन के प्रत्याशियों को चैलेंज करते दिख रहे हैं।

उपाध्यक्ष पद पर तीन प्रत्याशी है, जिनमें एबीवीपी के दीपक कुमार, एनएसयूआई की कोमल मीणा और एसएफआई की कोमल बुरडक शामिल हैं। इस बार कोमल और प्रियंका में मुकाबला बन रहा है। संयुक्त सचिव पद का भी कुछ ऐसा ही हाल है। एनएसयूआई की लक्ष्मी प्रताप खंगारोत औऱ एबीवीपी की किरण मीणा चुनावी मैदान में है। वहीं अशोक चौधरी भी इस पद पर चुनाव लड़ रहे है, लेकिन मुकाबला दोनों संगठनों के बीच लग रहा है।

माना जा रहा है कि इस बार भी हर पद पर निर्दलीयों के कारण चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

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