राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार लोकसभा चुनावों से पहले एक बार फिर विवादों में फंसती नजर आ रही है। खेल राज्य मंत्री और युवा नेता अशोक चांदना का सरकारी अधिकारी को लगाया थप्पड़ सियासी गलियारों में जोरों से गूंज रहा है। जहां एक तरफ कानून हाथ में लेकर खुलेआम दबंगई दिखाने अशोक चांदना के खिलाफ पूरा सरकारी महकमा एक साथ खड़ा हो गया है वहीं अकेले पड़ते मंत्री के खिलाफ कोई एक्शन ना लेना राज्य सरकार या राहुल गांधी की नई सोच वाली कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत बनता हुआ दिख रहा है।
हालांकि बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के लगातार चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने दबाव के चलते खेल मंत्री चांदना के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है लेकिन अशोक गहलोत की खानापूर्ति वाली टिप्पणी के अलावा पार्टी स्तर पर चांदना के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
हुआ क्या है?
राजस्थान सरकार में जोशीले अंदाज के लिए फेमस अशोक चांदना हिंडौली से दूसरी बार विधायक चुनकर आएं हैं, इस बार गहलोत कैबिनेट ने उन पर भरोसा दिखाते हुए उन्हें खेल मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया है। चांदना बीते सोमवार को बूंदी जिले के नैंनवा दौरे पर थे जहां विद्युत निगम अधिकारियों से गाली गलौच और मारपीट करते हुए उनका एक ऑडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। वायरल ऑडियो में चांदना पर कथित रूप से एक्सईन जे.पी.मीणा को थप्पड़ मारने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने आरोप लगे हैं।
हालांकि ऑडियो को लेकर अभी किसी तरह की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन घटना सामने आने के बाद बूंदी और कोटा में डिस्कॉम अधिकारी और कर्मचारी मीणा के साथ खड़े हो गए। बूंदी और कोटा में जगह-जगह चांदना पर कार्यवाही की मांग को लेकर धरने होने लगे।
मीणा समाज सड़कों पर
घटना के तूल जब पकड़ा जब सरकारी अधिकारी जेपी मीणा के साथ पूरा मीणा समाज एकजुट होकर खड़ा हो गया। मीणा समाज और विद्युत कर्मचारी लगातार चांदना को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग पर अड़े हैं। हालांकि केस दर्ज होने के बाद आंदोलन को खत्म कर दिया गया है।
केस हुआ दर्ज
एक्सईन जेपी मीणा की शिकायत पर बूंदी नैंनवा थाने में चांदना के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। चांदना पर राजकार्य में बाधा डालने और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ है।
चांदना ने रखा अपना पक्ष
चांदना के थप्पड़ की गूंज आलाकमान तक पहुंची तो सबसे पहले चांदना ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के सामने अपना पक्ष रखा जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट से मिलकर उन्हें मामले की जानकारी दी।
वहीं बीते रविवार को सीएमओ में तलब करने के बाद चांदना ने सीएम अशोक गहलोत के सामने अपनी बात रखी। हालांकि अशोक गहलोत ने राजस्थान पुलिस को इस मामले में पूरी निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं।
इतिहास में भी हैं थप्पडों की गूंज
राजस्थान में सरकारी अधिकारियों से मारपीट का सिलसिला कोई नया नहीं है। तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत की सरकार के दौरान सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने सचिव और आईएएस पीके देव को थप्पड़ जड़ दिया था जिसके बाद देवी सिंह भाटी का मंत्रिमंडल से टिकट कट गया था।
राजे सरकार में भी ऑडियो हुए वायरल
राजस्थान की पिछली राजे के दौरान भी कई ऑडियो वायरल हुए। एक ऑडियो में विधायक प्रहलाद गुंजल कोटा के सीएमएचओ को धमका रहे थे जिसके सामने आने के बाद भाजपा आलाकमान ने उनका पत्ता पार्टी से काट दिया था, यहां तक कि वो पांच साल तक मंत्री नहीं बनाए गए।
गहलोत ने भी मदेरणा पर की थी कार्यवाही
राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार में हुए भंवरी देवी सीडी कांड को कौन भूल सकता है जिसने सियासी गलियारों में हड़कप मचा दिया था। सीडी सामने आने के बाद कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा को कैबिनेट पद से हटाया गया था।
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