सरकार और कई संस्थाओं द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी राजस्थान में बाल विवाह नहीं रूक पा रहे हैं। इसको देखते हुए अब राजस्थान सरकार ने बाल विवाह को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है। राज्य सरकार के एक नए आदेश के अनुसार, अब पूरे राजस्थान में शादी के कार्ड पर दुल्हा और दुल्हन दोनों की जन्म तिथियों को छापा जाना जरूरी होगा। प्रदेश में धड़ल्ले से हो रहे बाल विवाह को रोकने के लिए राजस्थान सरकार ने यह मेगा प्लान तैयार किया है। राज्य सरकार अपने इस आदेश के जरिये लोगों को चाइल्ड मैरिज के खिलाफ जागरूक करना चाहती है।
राज्य सरकार ने अपने इस आदेश में कहा है कि राजस्थान में दुल्हा और दुल्हन की शादी के कार्ड पर छपने वाली जानकारियों के अलावा अब से उन दोनों की जन्म तिथियों को भी छापा जाएगा। इसके लिए जोड़े के जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी शादी कार्ड छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस को दी जाएगी। प्रदेश में हो रहे बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।
सरकारी आदेश की माने तो अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रावधानों का बड़े पैमाने पर विज्ञापन दिया जाना है। इसके अलावा सरकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि अधिकारियों की मदद से लोगों को यह बताना चाहिए कि बाल विवाह एक अपराध है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। आदेश के अनुसार, बाल विवाह को लेकर लोगों को जागरुक करने की भी जरूरत है। आपको बता दें कि देश में राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां रोक के लिए कानून बना होने के बावजूद आज भी प्रतिवर्ष सर्वाधिक बाल विवाह होते हैं।
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