राजस्थान विधानसभा की दो खाली सीटों खींवसर और मंडावा के लिए जल्द ही उपचुनाव होने हैं। इन दोनों सीटों पर उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज अंतिम दिन था। नामांकन भरने के अंतिम दिन सोमवार को बीजेपी, कांग्रेस और आरएलपी के उम्मीदवारों ने पर्चा भरा। इस दौरान प्रत्याशियों ने नामांकन रैलियों में शक्ति प्रदर्शन किया। रविवार को बीजेपी द्वारा अपने प्रत्याशियों का नाम जारी करने के बाद कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। राजस्थान की खींवसर और मंडावा दोनों विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होगा। नागौर और झुंझुनूं जिले की एक-एक सीट पर होने जा रहे इस उपचुनाव में 4 प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। आइए जानते हैं राजस्थान उपचुनाव में किस-किस के बीच होगी चुनावी टक्कर..
नागौर की खींवसर सीट पर आरएलपी ने नारायण बेनीवाल को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने हरेन्द्र मिर्धा को टिकट दिया है। आरएलपी के साथ गठबंधन के कारण भाजपा ने खींवसर सीट पर अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। खींवसर सीट पर आरएलपी और भाजपा गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। आरएलपी उम्मीदवार नारायण बेनीवाल नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के भाई है। इस सीट पर कांग्रेस ने दो बार के विधायक और पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हरेन्द्र मिर्धा को अपना प्रत्याशी बनाया है।
उल्लेखनीय है कि इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में नागौर सीट से हनुमान बेनीवाल के चुनाव जीतने पर खींवसर विधानसभा सीट खाली हुई थी। पहली बार सांसद बनने से पहले हनुमान इस सीट पर तीन बार चुनाव जीत चुके थे। वे पहली बार भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। दूसरा चुनाव उन्होंने निर्दलीय लड़ा और जीते, जबकि तीसरी बार 2018 के विधानसभा चुनाव में खुद की पार्टी आरएलपी के टिकट पर चुनाव जीता था। वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले आरएलपी और भाजपा के बीच गठबंधन हुआ था, जिसके तहत नागौर सीट आरएलपी को दे दी थी। नागौर से भाजपा और आरएलपी के गठबंधन उम्मीदवार के तौर पर हनुमान बेनीवाल ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
राजस्थान विधानसभा की दूसरी रिक़्त सीट झुंझुनूं की मंडावा सीट है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में मंडावा सीट से भाजपा के नरेन्द्र कुमार ने चुनाव जीता। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें झुंझुनूं संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था। नरेन्द्र कुमार के लोकसभा चुनाव जीतने से मंडावा सीट खाली हुई थी। अब इस सीट पर उपचुनाव में भाजपा ने रविवार को पार्टी में शामिल हुई झुंझुनूं की प्रधान सुशीला सीगड़ा पर दांव खेला है। जबकि कांग्रेस ने रीटा चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है।
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रीटा मंडावा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रही है। वह पिछले 3 विधानसभा चुनाव में से दो बार हार और एक बार जीत दर्ज कर चुकी हैं। साल 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेन्द्र कुमार ने उन्हें हराया था। वहीं, भाजपा ने जिस सुशीला सीगड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है, उन्हें कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्काशित कर दिया था। सुशीला ने रविवार को टिकट की घोषणा से पहले ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
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