नेताओं के बीच जुबानी जंग होना कोई नई बात नहीं है। चुनावी गहमागहमी हों या कोई आम दिन नेता विरोधियों की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। आलोचना करने का मौका किसी नेता के हाथ से छूट जाए ऐसा हो ही नहीं सकता है। फिलहाल देश के 3 राज्यों में चुनावी बयार बह रही है। छुटभय्ये, नंबर 1 और 2 वाले सभी नेता चुनावी रैलियां कर रहे हैं।
रैलियों के दौरान अब उस क्षेत्र की बात करना बहुत पुराना परंपरा हो गई है। आजकल विरोधियों पर जुबानी हमला करने का दौर चल रहा है। फिल्मों से राजनीति में आए कांग्रेस के राज बब्बर ने सत्ता पक्ष पर जवाबी हमला करने का मोर्चा संभाला है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार करते राज बब्बर मंच से बोले “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनहूस है” चलिए देश के प्रधानमंत्री को पिछले कुछ समय से इस तरह की टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है तो ये एक और सही।
लेकिन इसके बाद वो चुप नहीं हुए। राज बब्बर इसके बाद मनमोहन सिंह पर उनके कार्यकाल में बोली गई टिप्पणी की टीस निकालने के मूड में आ गए। उन्होंने पीएम मोदी की मां की उम्र की रुपये की गिरती कीमतों से तुलना कर दी।
बब्बर ने कहा “अब रुपया आपकी पूज्यनीय माता जी की उम्र (करीब 97 साल) के करीब पहुंच गया है।”
अब देखिए राजनीति में आप चाहे जितनी आलोचना कर लें आपको इसकी स्वतंत्रता दी जाती है लेकिन इसी बीच अगर आप शब्दों की गरिमा को भूल जाएं तो बहुत ही निंदनीय है। राज बब्बर ने जहां चुनावी राजनीति में पीएम की मां को घसीटा वहीं उनके इस बयान से यह भी साफ झलकता है कि रूपये की गिरती कीमतों को लेकर वो कितने चिंतित हैं!
ऐसे बयानों से सिर्फ राजनीति ही गंदी नहीं होती बल्कि आप विरोधियों को चुनावी माहौल में आपके ऊपर हावी होने का भी एक मौका दे देते हैं। आपके इन बयानों को जनता किस तरह लेगी इस बात का अंदाजा लगाना भी काफी मुश्किल होता है।
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