देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोगों ने जो ‘गुजरात का शेर’ की संज्ञा दी है वो उनसे अब छीन लेनी चाहिए। गुजरात की आन बान और शान माने जाने वाले एशियाई शेरों की हालत यहां बेहद नाजुक मोड़ पर है और जल्द ही सरकार ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया तो एक दिन ये शेर यहां से विलुप्त हो जाएंगे।
गत सोमवार को गुजरात के अमरेली में एक मालगाड़ी से कुचलकर 3 शेरों की मौत हो गई। गुजरात में तेजी से एशियाई शेरों की मौत का सिलसिला इसी साल सितंबर महीने से चल रहा है जहां अब तक 26 शेरों की मौत हो चुकी है। सोमवार की घटना में बोटड से पिपावाव पोर्ट की ओर जा रही एक मालगाड़ी के नीचे तीन शेर आ गए जिनमें से दो पुरुष और एक मादा शेरनी की मौत हो गई। इन शेरों की उम्र मात्र डेढ़ से दो साल के बीच रही होगी।
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