Praful Patel Who is the first Indian to make a place in the FIFA Council panel ?
6 अप्रैल, 2019 भारत और भारतीय फुटबॉल इतिहास के लिए गर्व करने का दिन बन गया है। दरअसल, एआईएफएफ यानी ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल शनिवार को फीफा काउंसिल के मेंबर के रूप में चुने गए हैं। पटेल पहले ऐसे भारतीय हैं जिनको इस प्रतिष्ठित फीफा पैनल में जगह मिली है। एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कुल 46 में से 38 मत हासिल कर सदस्यता हासिल की। पटेल का मुकाबला इस सदस्यता के लिए 7 अन्य उम्मीदवारों से था जो कि पैनल में शामिल होने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। पटेल को फीफा सदस्यता मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में 29वीं एएफसी (एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन) कांग्रेस के दौरान मिली है। फीफा काउंसिल ने मेंबर के लिए पटेल समेत कुल पांच सदस्यों को चुना है। इसके साथ ही एएफसी अध्यक्ष और एक महिला मेंबर को चुना गया। फीफा द्वारा चुने गए पैनल मेंबर्स का कार्यकाल अगले चार वर्ष 2019-2023 तक रहेगा। भारतीय पटेल के चुने जाने से देश और ख़ासकर फुटबॉल प्रेमियों में खुशी है। ऐसे में आइये जानते हैं कौन है प्रफुल्ल पटेल..
प्रफुल्ल पटेल का पूरा नाम प्रफुल्ल पटेल मनोहरभाई पटेल है। प्रफुल्ल का जन्म 17 फरवरी, 1957 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ। जब पटेल 13 वर्ष के थे इनके पिता का निधन हो गया था। पटेल ने महाराष्ट्र की यूनिवर्सिटी ऑफ बॉम्बे से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया हुआ है। इनकी पत्नी का नाम वर्षा पटेल हैं, वे एक गुजराती बिजनेसमैन फैमिली से आती हैं। इनसे पटेल को तीन लड़किया और एक लड़का है। इनका परिवार भारत में सीजे ग्रुप चलाता है, जो बड़े स्तर पर तंबाकू प्रोडक्ट्स के उत्पादन का काम करता है। प्रफुल्ल पटेल का खेलों के प्रति शुरु से ही लगाव रहा है। विरासत के रूप में मिली पॉलिटिक्स को संभालते हुए भी वे कभी फुटबॉल से दूर नहीं हुए। प्रफुल्ल पटेल आज एक भारतीय राजेनता, ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष, फीफा काउंसिल पैनल के सदस्य होने के साथ ही बिजनेसमैन भी हैं।
प्रफुल्ल पटेल के पिता मनोहरभाई पटेल इंडियन नेशनल कांग्रेस के लीडर थे। वे महाराष्ट्र विधानसभा में गोंदिया जिले के गोंदिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। 62 वर्षीय पटेल को राजनीति अपने पिता से विरासत के रूप में मिलीं। इन्होंने भी पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ज्चाइन कर ली। 1985 में ये म्यूनिसिपल काउंसिल गोंदिया के अध्यक्ष बने। प्रफुल्ल पटेल के पॉलिटिकल कॅरियर ने 1991 में रफ्तार पकड़ी। पटेल 1991 में हुए 10वीं लोकसभा के चुनाव में गोंदिया लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए। 1996 और 1998 में वे फिर से 11वीं व 12वीं लोकसभा में चुनकर पहुंचे।
इस दौरान भारतीय संसद की कई कमिटियों के सदस्य रहे। साल 2000 में प्रफुल्ल पटेल राज्यसभा पहुंचे। 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में पटेल को नागरिक उड्ययन राज्यमंत्री बनाया गया। 2006 में पटेल एक बार फिर राज्यसभा पहुंचे। वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में पटेल चौथी बार सांसद बने। 19 जनवरी, 2011 को मनमोहन सरकार के दूसरे टर्म में कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया। 2016 में प्रफुल्ल पटेल फिर से राज्यसभा पहुंचे हैं।
प्रफुल्ल पटेल ने अपनी एक्टिव पॉलिटिक्स के बीच 2012 में खेलों में प्रशासनिक एंट्री मारी। वे भारतीय फुटबॉल एसोसिएशन की गवर्निंग बॉडी एआईएफएफ यानी ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष बने। तब से लेकर आज तक वे एआईएफएफ के अध्यक्ष पद पर काम कर रहे हैं। पटेल को 2015 में बहरीन में आयोजित एएफसी कांग्रेस में एसएएफएफ रीजन के लिए एशियन फुटबॉल फेडरेशन का वाइस प्रेसिडेंट चुना गया। दिसम्बर 2016 में पटेल को एशियन फुटबॉल कंफेडरेशन का सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया। 2017 में प्रफुल्ल पटेल चार साल के लिए फीफा की फाइनेंस कमेटी के मेंबर बने। 6 अप्रैल, 2019 को पटेल को फीका काउंसिल ने अपने पैनल में सदस्य के रूप में शामिल किया है।
प्रफुल्ल पटेल ने फीफा काउंसिल पैनल के मेंबर चुने जाने के बाद कहा कि मैं एएफसी के सभी मेंबर्स का बहुत आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझे इस पद के लिए उपयुक्त समझा। उन्होंने आगे कहा कि फीफा काउंसिल के सदस्य के रूप में उनकी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। मैं न केवल अपने देश का बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करूंगा। पटेल ने कहा कि एशिया में फुटबॉल की प्रगति पर अपना विश्वास दिखाने के लिए आपका धन्यवाद करता हूं।
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इस मौके पर पटेल के साथ एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुब्रत दत्ता भी थे। दत्ता ने कहा कि पटेल की जीत भारतीय फुटबॉल के लिए मील का पत्थर है। पटेल को बधाई और वह इस सम्मान के पूरी तरह से हकदार हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय फुटबॉल को अधिक ऊंचाइयों पर पहुंची है। एशियाई फुटबॉल को फीफा परिषद के सदस्य के रूप में उनकी उपस्थिति से काफी फायदा होगा। वहीं, दास ने कहा कि हम एआईएफएफ पर बहुत गर्व करते हैं। यह भारत के फुटबॉल समुदाय के लिए एक बड़ी खुशी का मौका है।
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