जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर माहौल पूरी तरह से तैयार हो चुका है। दूसरी ओर सभी पॉलिटिकल लीडर्स भी अपने—अपने एजेंडें को लेकर जनता के सामने आने के लिए तैयार हैं। राजनीति में हमेशा से राजघरानों का हस्तक्षेप रहा है। कई राजघराने हैं जो अब भी राजनीति में सक्रिय हैं। उन्हीं में से एक है सिंधिया राजपरिवार। राज—पाठ खत्म होने के बाद इस परिवार ने रातनीति का दामन थामा l आज इस परिवार के कई सदस्य सियासत के खेल में काफी जाना माना नाम है।
आइए जानते हैं इस परिवार और उनके पॉलिटिकल कनेक्शन से जुड़ी कुछ खास बातें :—
राजशाही का पूरी तरह से अंत होने के बाद माधव राव सिंधिया ने सबसे पहले गुना से चुनाव लड़ा। 1971 में महज 26 साल की उम्र में उन्होने पहली बार चुनाव जीता और उसके बाद से वे एक भी चुनाव नहीं हारे। वे लगातार नौ बार लोकसभा के सांसद रहे। 1984 में उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी के सामने ग्वालियर से चुनाव जीता। मगर साल 2001 में एक विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई।
10 मार्च 1945 को जन्मे माधवराव सिंधिया, ग्वालियर के महाराज जीवाजीराव सिंधिया और विजयाराजे सिंधिया के बेटे थे। उनकी चार बहने थीं जिनका नाम पदमा राजे, यशोधरा, वसुंधरा और उषा राजे सिंधिया है। उनकी शादी नेपाल के युवराज शमशेर जंग बहादुर राणा की बेटी माधवी राजे सिंधिया के साथ हुई थी और उनके बेटे का नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है। माधवराव सिंधिया काफी लम्बे समय तक राजनीति में सक्रिय रहे।
अपने पिता की मृत्यु के बाद ज्योतिरादित्य की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। स्टेनफोर्ड हार्वर्ड से पढ़कर लौटे ज्योतिरादित्य को पारिवारिक विरासत तो मिली ही, इसके साथ ही उन्हें पिता की राजनीतिक विरासत भी संभालनी पड़ी। वे वर्तमान में गुना से सांसद हैं और सबसे युवा सांसदों में भी इनकी गिनती होती रही है। फिलहाल वो कांग्रेस पार्टी के साथ हैं।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजनीति में काफी जाना माना नाम हैं। उनका जन्म 8 मार्च, 1953 को मुंबई में हुआ था। धौलपुर राजघराने के महाराजा हेमंत सिंह के साथ विवाह के बाद वसुंधरा राजस्थान से जुड़ गई थीं। वसुंधरा राजे भाजपा से जुड़ी हुई हैं और अब तक दो बार मुख्यमंत्री का पद हासिल कर चुकी हैं। इसके अलावा वो एक बार केन्द्रीय मंत्री, लगातार पांच बार सांसद और चार बार विधायक रह चुकी हैं।
वहीं दूसरी ओर वसुंधरा की बहन यशोधरा का जन्म 19 जून 1954 में लंदन में हुआ था। यशोधरा राजे सिंधिया 1977 में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सिद्धार्थ भंसाली से शादी होने के बाद अमेरिका चली गई थीं। इसके बाद 1994 में वो वापस भारत आ गईं और उन्होने अपनी बहन की तरह भाजपा का दामन थाम सक्रिय राजनीति में कदम रखा। वसुंधरा और यशोधरा की बड़ी बहन पदमा और उषा राजे सिंधिया राजनीति से दूर ही रहीं।
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