नरेंद्र मोदी की एक संन्यासी से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने की ऐसी है कहानी

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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। वर्ष 2014 के बाद साल 2019 में लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने मोदी की ज़िंदगी के कई ऐसे किस्से हैं, जिनसे हम और आप अनजान है। ये कहना गलत नहीं होगा कि आज मोदी दुनिया में एक अलग छवि वाले नेता बन चुके हैं। उनकी फैन फॉलोइंग ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी जबरदस्त हैं। यही वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी दुनिया की सबसे चर्चित हस्तियों में से एक हैं। उनके आचार-विचार, वाक कौशलता, कूटनीति और उनके काम करने का अंदाज लोगों को दिवाना बनाए हुए हैं। मोदी यूं ही देश के प्रधानमंत्री नहीं बन गए। इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और वर्षों का कठिन संघर्ष छुपा है। इस मौके पर जानते हैं उनकी जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से…

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रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाले पिता के घर हुआ जन्म

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। मोदी अपने पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर के हैं। उनके पिता रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम किया करते थे। स्कूल के बाद मोदी अपने पिता के काम में हाथ बटाते थे। पीएम मोदी ने वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान स्टेशन पर गुजरने वाले सैनिकों को भी चाय पिलाई थी।

बहुत ही कम लोग जानते हैं कि उनका बचपन का दोस्तों में लिया जाने वाला नाम ‘नरिया’ था। युवावस्था में नरेंद्र मोदी स्वामी विवेकानंद से इस कद्र प्रभावित हुए कि उन्होंने संन्यासी बनने का फैसला किया। नरेंद्र मोदी ने रामकृष्ण मिशन आश्रम का रुख किया। संन्यास काल में नरेंद्र मोदी हिमालय सहित कई स्थानों पर रहे। करीब दो साल बाद जब वे हिमालय से लौटे तो उन्होंने संन्यास छोड़ने का निर्णय लिया।

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18 साल की उम्र में शादी हुई, लेकिन अकेला रहना चुना

अपने राजनीतिक कॅरियर में नरेंद्र मोदी के वैवाहिक जीवन के बारे में किसी को ख़बर नहीं थीं। मगर साल 2014 के चुनावों के बाद मोदी अपने वैवाहिक जीवन को लेकर चर्चा में रहे, जिसके बाद खुलासा हुआ कि 18 साल की उम्र में उनका विवाह बांसकाठा जिले के राजोसाना गांव में रहने वाली जसोदा बेन के साथ हुआ था। लेकिन उन्हें यह जीवन रास नहीं आया और वे बहुत कम समय में ही इस रिश्ते से निकलकर घर छोड़ देश सेवा में चले गए।

नरेंद्र मोदी वर्ष 1972 में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में शामिल हुए, जिसके बाद उनके राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत हो गई। साल 1987 में मोदी गुजरात बीजेपी के संगठन सचिव बनाए गए थे। इसके बाद वर्ष 1998 में उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया। साल 2001 में मोदी गुजरात के पहली बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया था। उन्होंने सबसे लंबे वक्त तक राज्य का सीएम रहने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। पीएम बनने से पहले नरेंद्र मोदी गुजरात के चार बार मुख्यमंत्री रहे।

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जब सरोवर से मगरमच्छ का बच्चा घर उठा लाए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन से जुड़ा मगरमच्छ का किस्सा भी काफी मशहूर है। दरअसल, मोदी बचपन में अपने दोस्तों के साथ गांव के ही एक सरोवर गए थे। जहां उन्होंने मगरमच्छ के बच्चे के साथ दो-दो हाथ कर डाले। यही नहीं वे इस बच्चे को घर भी ले आए। मां हीरा बा ने जब उन्हें मगरमच्छ के बच्चे के साथ देखा तो बेहद गुस्सा हुई और उसे वापस छोड़ने को कहा। मां की बात सुनकर वे दोबारा उसे सरोवर में छोड़ आए।

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