प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने नए कृषि कानूनों का जिक्र किया तो कांग्रेस समेत विपक्ष के सांसद हंगामा करने लगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में गरजते हुए कहा कि प्रगतिशील समाज के लिए कुछ कानून बेहद जरूरी होते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानून अनिवार्य नहीं बल्कि वैकल्पिक हैं। कानून थोपे नहीं जाते, बल्कि जनकल्याण के लिए बनाए जाते हैं। बाल विवाह निषेध कानून और दहेज विरोधी कानून किसी ने मांगे नहीं थे। इन्हें प्रगतिशील समाज के लिए बनाया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह सदन, हमारी सरकार और हम उन सभी सम्माननीय किसानों का सम्मान करते हैं जो कृषि कानूनों को लेकर अपनी आवाज उठा रहे हैं। यही कारण है कि सरकार के उच्च स्तरीय मंत्री लगातार उनसे बात कर रहे हैं। यह किसानों के लिए बड़ा सम्मान है। कृषि क्षेत्र को कठिन चुनौतियों से बाहर लाने के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा करने की कोशिश की। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि शोर मचाना और बाधा पहुंचाने के प्रयास एक सोची.समझी रणनीति का हिस्सा है। यह रणनीति है कि शोर मचाते रहिए वरना सच सामने आ जाएगा और स्थितियां कठिन हो जाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी सांसदों को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस तरह से आप लोगों का भरोसा नहीं जीत पाएंगे। वहीं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से पीएम ने कहा, ‘अधीर रंजन जी, अब ज्यादा हो रहा है। मैं आपका सम्मान करता हूं। आपको बंगाल में टीएमसी से ज्यादा प्रचार मिलेगा। चिंता मत करिए, यह अच्छा नहीं लगता, आप ऐसा क्यों कर रहे हैं।’ कृषि कानूनों पर चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि अगर कानूनों में खामियां हैं तो हम इसमें बदलाव के लिए तैयार हैं। कानून बनने के बाद एमएसपी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देख रहा था कि कांग्रेस के साथियों ने जो चर्चा की, वो इस कानून के रंग पर तो बहुत चर्चा कर रहे थे। अच्छा होता कि उसके कंटेट और इंटेट पर चर्चा करते। ताकि देश के किसानों तक सही चीजें पहुंचती। पीएम मोदी ने कहा कि संसद के कृषि संबंधी कानूनों के पारित होने के बाद से कोई मंडी बंद नहीं हुई है। एमएसपी बरकरार है। एमएसपी पर खरीद जारी है। इन तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
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