आतंकवाद का गढ़ कहे जाने वाले पाकिस्तान पर अब स्विटजरलैंड में उसकी सेना के व्यवहार को लेकर एक पोस्टर लगाया गया है। जिसमें लिखा गया है कि ‘पाकिस्तान आर्मी एपिसेंटर ऑफ इंटरनेशनल टेररिज्म’ (पाकिस्तानी सेना अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का केंद्र) है। यह पोस्टर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र के दौरान जेनेवा में ब्रोकन चेयर स्मारक के पास लगे लगा है।
पाकिस्तान को आतंकवाद पर अमेरिका समेत कई देश आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह कह चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों से पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर फटकार लगा चुके हैं। भारत ने भी कई अवसरों पर पाक को स्पष्ट कहा है कि पाकिस्तान से वार्ता तभी संभव है, जब वह आतंकियों की मदद करना बंद करे।
हालांकि, पाकिस्तान खुद पर लगे इन आरोपों से साफ इन्कार करता है। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कहते हैं कि उनका मुल्क खुद आतंकवाद से जूझ रहा है।
बता दें कि इससे पूर्व भी जेनेवा में इस प्रकार के पोस्टर देखने को मिले थे। वहां सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा जोर शोर से उठाया था तब भी उसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेइज्जती हो गई थी। जब उनके ही देश के लोगों ने कार्यक्रम स्थल के बाहर पाकिस्तानी सरकार और सेना के अत्याचारों को उजागर कर दिया। बलूच मानवाधिकार परिषद और पश्तूनों ने पाकिस्तानी अत्याचार के खिलाफ दुनिया का ध्यान खींचने के लिए कार्यक्रम स्थल के बाहर पोस्टर लगाए गए थे।
बलूच संगठनों ने ‘द ह्यूमैनिटेरियन क्राइसिस इन बलूचिस्तान’ नाम से एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया, जिसमें पाकिस्तान में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में दुनिया को जानकारी दी गई।
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