हलचल

पॉपकॉर्न बेचने वाला शख़्स हवाई जहाज बनाकर दुनियाभर में बटोर रहा सुर्खियां

सोशल मीडिया की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह किसी को रातों-रात स्टार बना सकता है तो, किसी को रातों-रात गिरा भी सकता है। एक वायरल फोटो किसी की इमेज ख़राब करके रख सकती है और एक वायरल फोटो स्टार बना सकती है। इस बीच कुछ लोग ऐसे भी है जो अपने अनोखे कारनामों से सुर्खियां बटोरते हैं। आज की कहानी एक ऐसे शख़्स की है जो रातों-रात चर्चा का विषय बन गया है। यह व्यक्ति भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से आते हैं। नाम है इनका मोहम्मज फय्याज। आइये जानते हैं क्या पाकिस्तानी मोहम्मद फय्याज की पूरी कहानी..

पाक एयरफोर्स हुई पॉपकॉर्न वाले की कायल

मोहम्मद फय्याज नाम के इस शख़्स की चर्चा इनदिनों पाकिस्तान के साथ ही दुनियाभर में हो रही है। पॉपकॉर्न बेचने वाले फय्याज की लोकप्रियता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान की एयरफोर्स भी इनकी कायल हो गई है। जी हां, साक्षर मात्र मोहम्‍मद फय्याज ने खुद के लिए एक प्‍लेन बनाया है। वो भी अपने आस-पास मौजूद रही मामूली चीजों से। फय्याज ने यह कारनामा रोड कटर के इंजन और रिक्‍शे के मामूली पहियों से कर दिखाया है। यह व्यक्ति उन लाखों लोगों में से एक है, जो अपनी माध्यमिक स्तर की शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाए। लेकिन उनका अवसरों के लिए संघर्षों से वास्ता रहा है। यही कारण है कि फय्याज की कहानी ने पाकिस्तानी आवाम के साथ दुनियाभर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

टीवी क्लिप और ऑनलाइन ब्‍लू प्रिंट को देखकर उड़ाया प्लेन

मोहम्मद फय्याज के शब्दों के मुताबिक़, उन्होंने टीवी क्लिप और ऑनलाइन ब्‍लूप्रिंट को देखकर प्‍लेन बनाया। वे कहते हैं जब मैंने अपना बनाया हुआ प्लेन पहली बार हवा में उड़ाया तब मैं वाकई में हवा में उड़ रहा था। इसके अलावा मैंने कुछ भी महसूस नहीं किया। फय्याज का दावा है कि उसने सच में अपना बनाया प्‍लेन उड़ाया और एयरफोर्स ने उसके दावे पर गंभीरता दिखाई है। उसके मुताबिक़, एयरफोर्स के लोग कई बार उससे मिलने घर आ चुके हैं। यहां तक कि उसके काम की सराहना करते हुए एक सर्टिफिकेट भी जारी किया गया है। ख़बरों में छा जाने के बाद फय्याज के बनाए प्‍लेन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग उसके घर पहुंच रहे हैं। पाकिस्तान स्थित पंजाब प्रांत के ताबूर में रहने वाले फय्याज भी अपने तीन कमरों के घर के खुले आंगन में बैठकर लोगों को बड़े चाव से अपना बनाया प्‍लेन उड़ाकर दिखाता है।

बचपन में एयरफोर्स ज्‍वॉइन करने के सपने देखता था फय्याज

32 वर्षीय फय्याज का कहना है कि वह बचपन में एयरफोर्स ज्वॉइन करने के सपने देखता था, लेकिन जब वह स्कूल में था तभी उसके पिता की अचानक मौत हो गई थी। इस वजह से मज़बूरी में उन्हें आठवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ना पड़ गया था। इसके बाद मोहम्मद फय्याज ने अपनी मां और पांच छोटे भाई-बहनों के पालन के लिए छोटे-मोटे काम कर घर चलाया। परिवार की आर्थिक मज़बूरियों में फंसे फय्याज का बड़ा होने पर भी हवा में उड़ने का सपना नहीं बदला। उसके पास जो कुछ भी कबाड़ होता वह उससे प्लेन बनाने की कोशिश करने लगता था। वह दिन में पॉपकॉर्न बेचकर और रात में गार्ड की नौकरी कर परिवार का पेट पालने का काम कर रहा था।

ज्योग्राफी चैनल देखा, इंटनेट खंगाला और जमीन बेच लोन भी लिया

मोहम्मद फय्याज ने अपने प्लेन बनाने के सपने को पूरा करने के लिए सबसे पहले जानकारी जुटाना शुरु की। इसके लिए उसने ज्‍योग्राफी चैनल पर प्रसारित ‘एयर क्रैश इन्‍वेस्टिगेशन’ प्रोग्राम देखना शुरू कर दिए थे, इसके बाद उसने इंटरनेट का भी सहारा लिया। यहां तक कि उसने अपने परिवार की जमीन का एक टुकड़ा बेच दिया और फिर एक एनजीओ से 50 हजार रुपये का लोन ले लिया। इन पैसों से उसने जरुरत का सामान खरीदा। प्‍लेन के पुर्जे कभी काम करते तो कभी नहीं। कभी किसी सामान को बदलने की जरूरत पड़ती तो कभी वायरिंग में दिक्‍कत आ जाती थी। लेकिन उसने कभी हार मानी ही नहीं, जैसी वो पैदा ही इसलिए हुआ हो। फय्याज के परिवार वाले उसकी इस सनक से परेशान थे। उसकी मां मुमताज बीबी कहती हैं कि मैं उसे बार-बार मना किया करती थी। मैं उससे कहती थी कि वो अपने परिवार और काम पर ध्‍यान दे, लेकिन उसने मेरा एक शब्‍द भी नहीं सुना। फय्याज रुका नहीं और आखिरकार उसने प्‍लेन बनाने में सफलता हासिल कर ली।

चश्‍मदीद अमीर हुसैन के मुताबिक़, फय्याज द्वारा बनाया गया प्लेन टेक ऑफ करने से पहले प्‍लेन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच गया था। अमीर हुसैन का दावा है कि वह इस दौरान प्‍लेन के साथ-साथ बाइक पर दौड़ रहा था। उसके अनुसार, प्‍लेन जमीन से दो या ढाई फीट ऊपर था। लैंडिंग से पहले वह दो से तीन किलोमीटर तक उड़ा। इस कामयाबी के बाद फय्याज के हौंसलों को पंख लग गए और उसने उन गांव वालों के सामने प्‍लेन उड़ान की सोची। क्योंकि गांव वाले उसका कई वर्षों से मजाक उड़ा रहे थे। उसने इस काम के लिए 23 मार्च का दिन चुना। उसका प्लेन उड़ते देखने के लिए सैकड़ों लोग उसके घर में जमा भी हो गए थे। लेकिन इससे पहले कि फय्याज अपने प्लेन का इंजन चालू कर पाता वहां पुलिस आ गई और उसे गिरफ्तार करके थाने ले आई। कुछ दिन बाद कोर्ट ने फय्याज को तीन हजार रुपये के मुचलके पर रिहा किया। इसके बाद जब सोशल मीडिया पर फय्याज की कहानी वायरल होने लगी तब उसे हीरो बनते समय नहीं लगा।

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वैसे एक बात दें कि पाकिस्‍तान में इस तरह की वैज्ञानिक उपलब्‍धियों वाली कहानियां कोई नई बात नहीं है। यहां इससे पहले साल 2012 में एक इंजीनियर ने कहा था कि उसने ऐसी गाड़ी बनाई है जो पानी की मदद से चल सकती है। हालांकि बाद में वैज्ञानिकों ने शख़्स के दावे को खारिज कर खोखला करार दे दिया था।

Raj Kumar

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