एक ओर जहां भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में धारा 370 हटाने के बाद से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है, वहीं उसकी पहली महिला एस्ट्रोनॉट नमीरा सलीम ने इसरो यानि इंडियन स्पेस एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन को मिशन चंद्रयान-2 के लिए बधाई दी है। पाकिस्तान की इमरान सरकार के मंत्री रात-दिन अनर्गल बातें कर ख़ुद की फ़जीहत करा रहे हैं। ऐसे समय ने पाक एस्ट्रोनॉट नमीरा ने भारत और इसरो के मिशन को सलाम करते हुए इसे स्पेस जगत की बड़ी उपलब्धि बताया है। लिहाज़ा, पाक को अपने ही देश की एस्ट्रोनॉट नमीरा सलीम से सीख लेनी चाहिए।
हाल में नमीरा सलीम ने साइंस मैगज़ीन साइंटिया को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने इसरो की तारीफ़ करते हुए कहा, ‘हिंदुस्तान और इसरो ने चंद्रमा के साउथ पोल में सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की। मैं इस ऐतिहासिक कोशिश के लिए उन्हें बधाई देती हूं। उन्होंने आगे कहा, ‘चंद्रयान-2′ लूनर मिशन साउथ एशिया के लिए एक बहुत ऊंची छलांग है।
इस कोशिश से कोई एक क्षेत्र नहीं, बल्कि पूरी ग्लोबल स्पेस इंडस्ट्री गर्व महसूस कर रही है। साउथ एशिया के स्पेस सेक्टर में हो रहा क्षेत्रीय विकास बहुत नायाब है। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि इसे कौन-सा देश लीड कर रहा है। बकौल नमीरा स्पेस में सारी राजनीतिक सीमाएं ख़त्म हो जाती हैं। जो चीज़ हमें धरती पर बांट देती है, अंतरिक्ष में वो सब ख़त्म हो जाता है। वहां हम सब एक हो जाते हैं।’ बता दें, 44 वर्षीय नमीरा सलीम का जन्म पाकिस्तान के कराची में सन् 1975 में हुआ था। वह नोर्थ पोल और साउथ पोल पहुंचने वाली पहली पाकिस्तानी है। नमीरा माउंट एवरेस्ट के ऊपर स्काईडाइव करने वाली पहली एशियाई भी हैं।
उल्लेखनीय है कि 6 सितंबर की देर रात भारत का चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ चांद पर साउथ पोल में कदम रखने वाला था। लेकिन जब लैंडर चंद्रमा की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर दूर था, तब इसरो का मिशन चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था। इससे देश के साइंटिस्ट और लोगों में निराशा हुई। लेकिन दुनिया के बाक़ी देश भारत और इसरो के इस मिशन की तारीफ़ करते नहीं थक रहे हैं। अमरीका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी इसरो का लोहा माना है।
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7 सितंबर के बाद चंद्रयान-2 के आर्बिटर ने जो फोटो भेजी हैं, उससे इसरो ने पता लगाया है कि लैंडर विक्रम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। लैंडर बाहरी तौर पर सही कंडीशन में है। इसरो प्रमुख पी. सिवन ने मीडिया को बताया कि हमारे साइंटिस्ट विक्रम लैंडर से वापस संपर्क जोड़ने की दिशा में काम रह रहे हैं। बता दें, अगर इसरो साइंटिस्ट इसमें कामयाब रहे तो मिशन 100 प्रतिशत सफ़ल हो जाएगा।
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