चिप्स, कुरकुरे और अन्य पैकेट में बंद खाद्य सामग्री बच्चों को ही नहीं कई लोगों को बहुत पसंद होती है। जैसे ही बाजार में जाते हैं छोटी थड़ी हो या कोई किराने की दुकान या मॉल्स में इन खाद्य सामग्री की भरमार है। इन्हें जब बच्चे देखते हैं तो वे उनको खाने की मांग करते हैं और हम न चाहकर भी उन्हें दिला देते है। कई बार तो माता—पिता या परिवार का कोई भी सदस्य बच्चों की पसंद के अनुसार घर में चिप्स के पैकेट ले जाते हैं।
हालांकि कई लोग इनके नुकसानों से परिचित है पर बच्चों की जिद के आगे हम हार मान लेते हैं, पर हमारी कोशिश हो कि उन्हें कम से कम इन खाद्य सामग्री खाने को दें और उन्हें उनके शरीर पर पड़ने वाले नुकसान को भी बताएं।
ये पैकेज्ड फूड बच्चे के स्वास्थ्य पर हानिकारक असर डालते हैं। इससे न केवल आपका बच्चा, मोटापे का शिकार हो सकता है बल्कि उसे कई और बीमारियां भी घेर सकती हैं। इसमें डाइबीटीज से लेकर कैंसर तक की बीमारी शामिल है।
शोधों में यहां तक कहा गया है कि पैकेट बंद खाद्य सामग्री से हृदय से संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
चिप्स में वसा और कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा काफी ज्यादा होती है साथ ही जरूरी विटामिन्स की मात्रा कम होती है। ये दोनों तत्व बच्चों के शरीर का वजन बढ़ते हैं जिससे उनमें मोटापा की समस्या हो सकती है।
ऐसे खाद्य पदार्थों को तैयार करने की विधि कुछ इस तरह होती है कि इनके पौष्टिक गुण नष्ट हो जाते हैं। बताया जाता है कि 28 ग्राम आलू चिप्स एवं 15 से 20 चिप्स में 10 ग्राम वसा और 154 ग्राम कैलोरीज होती है।
वर्ष 2015 में हुए शोध में स्पष्ट किया गया कि तले हुई आलू चिप्स मोटापे का प्रमुख कारण है और बच्चा यदि लगातार इन खाद्य सामग्री को खाता रहता है तो वे कुपोषण के शिकार भी हो सकते हैं क्योंकि चिप्स आदि में पर्याप्त मात्रा विटामिन और मिनरलों की कम पायी जाती है।
पैकेट बंद खाद्य सामग्रियों पर हुए शोधों में प्रमुख चिप्स से डाइबीटीज, हृदय संबंधी रोग का खतरा रहता है। शोधों में यहां तक सामने आया है कि ज्यादा चिप्स खाने से कैंसर की बीमारी हो सकती है। चिप्स में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
अमेरिका में 2010 में डाइट को लेकर दिशानिर्देश जारी किये गए थे। जिसमें बताया गया था कि दिनभर में 2,300 मिलीग्राम से ज्यादा नमक बिलकुल नहीं लेना चाहिए।
यदि ऐसा किया गया तो उच्च रक्त चाप से लेकर किडनी तक की कई घातक बीमारियां हो सकती हैं।
यही नहीं पैकेट बंद चिप्स में मौजूद वसा से आपके बच्चे में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढ़ा सकता है।
ज्यादातर चिप्स डीप फ्राई होते हैं जो कि खतरनाक ट्रांसफैट पैदा करते हैं। यह ट्रांसफैट बच्चों के शरीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है।
यह ट्रांसफैट हाइड्रोजन गैस और तेल के मिश्रण से तैयार होता है। हालांकि प्राकृतिक रूप से यह ट्रांसफैट मांसाहार और दुग्ध उत्पाद में पाया जाता है। यह कोलैस्ट्रौल को बढ़ाता है। इससे मोटापे के खतरे के साथ धमनियों में चर्बी जमने की आशंका होती है।
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