केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इन दिनों खूब मीडिया की सुर्खियां बटोर रहे हैं। वो हर दूसरे दिन अपने सरकार विरोधी अंदाज या अपने तल्ख बयानों से चर्चा में बने रहते हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में जानकारों का कहना है कि गडकरी अपने लिए (प्रधानमंत्री पद के दावेदान हो सकते हैं) एक मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार करने में लगे हैं वहीं संघ भी अपने करीबी गडकरी को लेकर काफी नरम रूख इख्तियार किए हुए हैं।
नितिन गडकरी का अंदाज हमेशा से ही खुलकर बोलने का रहा है ऐसे में कभी उनकी जुबान सरकार विरोधी लगती है तो कभी प्रधानमंत्री मोदी विरोधी। तंज कसने में माहिर गडकरी ने हाल में जो बयान दिया है उससे एक बार फिर बीजेपी में खलबली मची हुई है।
बीते रविवार को गडकरी एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जहां उन्होंने कहा कि
“मंत्री को वही सपने जनता को दिखाने चाहिए जिन्हें वो पूरा कर सकें वरना जनता सपने पूरा ना होने पर नेताओं की पिटाई भी करती है”।
गडकरी के बयानों की एक खास बात यह भी रहती है कि वो बिना किसी का नाम लिए तंज कसते हैं और जिसको घेरना है वो काम बखूबी कर जाते हैं। अब गडकरी के ताजा बयान के बाद अटकलों का दौर तेज हो चुका है कि गडकरी किसकी ओर निशाना कर रहे हैं? वो वादे पूरा ना करने वाला नेता किसे कह रहे हैं? वहीं विपक्ष को बैठे-बिठाए एक और प्रेस कांफ्रेंस करने का मौका मिल गया।
गडकरी के ऐसे बयानों की फेहरिस्त काफी लंबी है जो आपने किसी और नेता से नहीं सुने होंगे या वो बोलने की हिम्मत भी नहीं करते हैं। चलिए एक नजर डालते हैं उन बयानों पर जहां नितिन गडकरी का अंदाज देखने लायक रहा।
एक बयान में नितिन गडकरी का कहना था कि हम सभी पार्टी वालों को पता था यहां तक कि विश्वास था कि हम सत्ता में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में हमने चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे किए जिससे कि यदि चुनाव ना भी जीतें तो वादाखिलाफी का जिम्मेदार हमें नहीं ठहराया जा सकेगा।
बिना नौकरियों के किस बात का आरक्षण ?
मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही लगातार बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाती है कुछ समय पहले मराठाओं ने आरक्षण की मांग को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया जिस पर गडकरी का कहना था कि आरक्षण लेकर क्या करोगे जब नौकरियां नहीं हैं।
असफलता की जिम्मेदारी भी लें नेता
नेताओं की जिम्मेदारी तय करने के लिए भी गडकरी बोले और कहा अगर किसी भी पार्टी के विधायक या सांसद जनता के लिए अच्छा काम नहीं करते हैं तो उनकी हर तरह की जिम्मेदारी पार्टी के मुखिया को लेनी चाहिए। सफलता में सब एक साथ खड़े दिखाई देते हैं लेकिन विफल होने पर सब साथ छोड़ जाते हैं।
कुछ नेताओं को अपना मुंह बंद रखना चाहिए
एक टीवी न्यूज की डिबेट के दौरान एक नेता ने कहा कि हमारे पास इतने काबिल नेता है कि हम मीडिया के सवालों का जवाब देना या उनके सामने बोलना पसंद करते हैं, इस पर गडकरी ने एक फिल्म के एक सीन को याद कर बोला कि कुछ लोगों के मुंह में कपड़ा डाल कर उनका मुंह बंद करने की जरूरत है।
नेहरू परिवार की भी कर चुके हैं तारीफ
गडकरी के बयानों को लेकर एक आम धारणा अब यह बन रही है कि वो पार्टी विरोधी बोलते हैं। कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की तारीफ में कसीदे पढ़े थे।
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