Nirupama Rao did top in both Foreign and Administrative Service, later she became first woman spokesperson of the Ministry of External Affairs.
भारतीय विदेश मंत्रालय की पहली महिला प्रवक्ता व पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव आज अपना 73वां जन्मदिन मना रही हैं। उनका जन्म 6 दिसंबर, 1950 को केरल के मलप्पुरम जिले में हुआ था। उनका पूरा नाम निरुपमा मेनन राव है। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल पीवीएन मेनन भारतीय सेना में अधिकारी थे। उनकी मां मीमपट नारायणीकुट्टी उनके परिवार में स्नातक करने वाली पहली महिला थीं।
निरुपमा की मां ने वर्ष 1947 में मद्रास यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में बीए ऑनर्स की पढ़ाई की थी। उनकी दोनों बहनें निर्मला और आशा पेशे से डॉक्टर रहीं। निर्मला वर्ष 2013 में भारतीय नौसेना से सर्जन रियर एडमिलरल पद से रिटायर हुईं। निरुपमा को भारतीय विदेश सेवा के अब तक के सबसे तेज-तर्रार अफसरों में से एक माना जाता है। इस खास अवसर पर जानिए पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव की जिंदगी के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
निरुपमा राव को पिता के आर्मी प्रोफेशन में होने के कारण कई शहरों में रहना पड़ा। उन्होंने अपनी शिक्षा बेंगलुरु, लखनऊ, पुणे, कुन्नूर जैसे अलग-अलग शहरों से कीं। निरुपमा ने बेंगलुरु के माउंट कार्मल कॉलेज से वर्ष 1970 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने बीए ऑनर्स के साथ अंग्रेजी में बेंगलुरु यूनिवर्सिटी टॉप किया। निरुपमा सितंबर 1970 में मैसूर गवर्नमेंट यूथ डेलिगेशन मेंबर के तौर पर जापान में एक्सपो 70 में शामिल हुई थीं।
इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र की मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स डिग्री हासिल कीं। वर्ष 1973 में राव ने अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय विदेश सेवा व भारतीय प्रशासनिक सेवा दोनों में टॉप किया और आईएफएस को सेवा के लिए चुना।
भारतीय विदेश सेवा अधिकारी के रूप में चयनित होने पर निरुपमा राव ने अपने प्रशिक्षण के दौरान वियना (ऑस्ट्रिया) के भारतीय दूतावास में काम किया। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1981-83 तक श्रीलंका के भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव के रूप में काम किया। अगले कुछ वर्षों में उन्होंने भारत-चीन संबंधों पर विशेषज्ञता हासिल की और साल 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ बीजिंग जाने वाले शिष्टमंडल का हिस्सा बनीं। इसके बाद निरुपमा ने अपने करियर में कई प्रमुख पदों पर काम किया। वे वॉशिंगटन में प्रेस मामलों की मंत्री, मॉस्को में मिशन उप प्रमुख, विदेश मंत्रालय में पूर्व एशिया की संयुक्त सचिव, कार्मिक प्रमुख, विदेश मंत्रालय की पहली महिला प्रवक्ता और पेरू व चीन में राजदूत रहीं।
वॉशिंगटन और मॉस्को के भारतीय दूतावासों में अपनी सेवाएं देने के बाद निरुपमा राव भारतीय विदेश मंत्रालय की पहली महिला प्रवक्ता बनीं। वर्ष 2004 में निरुपमा राव को श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त नियुक्त किया गया। साल 2006 में निरुपमा राव भारत की पहली महिला राजदूत बनीं।
1 अगस्त, 2009 को शिवशंकर मेनन के रिटायरमेंट के बाद निरुपमा राव को भारतीय विदेश सचिव बनाया गया। विदेश सचिव के रूप में निरुपमा ने 31 जुलाई, 2011 तक अपनी सेवाएं दी थी। निरुपमा अगस्त 2011 से नवंबर 2013 तक अमेरिका में भारत की राजदूत भी रहीं। वे चोकिला अय्यर के बाद दूसरी ऐसी महिला हैं, जो भारतीय विदेश सेवा के सर्वोच्च पद यानि विदेश सचिव पद पर कार्य कर चुकी हैं।
भारतीय विदेश सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद निरुपमा राव ने अडानी पोर्ट्स, आईटीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, केईसी इंटरनेशनल, कोरोमंडल इंटरनेशनल, नेटवर्क-18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट्स, टीवी-18 ब्रॉडकास्ट, मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज, वायकॉम-18 सहित भारत में विभिन्न कॉर्पोरेट बोर्ड में काम किया। वर्तमान में निरुपमा राव भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु की सदस्य हैं।
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