एक सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया पर चल रही कोरोना वायरस संबंधी जानकारियां या खबरों में से 50-80 फीसदी ‘फर्जी’ हैं। देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोग खुद को अपडेट रखने के लिए ई-पेपरों पर भरोसा जता रहे हैं। यह सर्वे नागपुर के राष्ट्रसंत तुकोजी महराज यूनिवर्सिटी के जनसंचार विभाग ने 28 मार्च से 4 अप्रैल के दौरान 1200 लोगों के बीच किया।
सर्वे में छात्रों, सरकारी और निजी कर्मचारियों, कारोबारियों, पेशेवरों और होम-मेकर्स को शामिल किया गया। जनसंचार विभाग के प्रमुख डॉ. मोइज मन्नान हक ने कहा कि फर्जी खबर संबंधी सवाल पर 39.1 फीसदी लोगों ने कहा कि सोशल मीडिया पर 50 से 80 फीसदी जानकारी फर्जी होती है। करीब 10.8 प्रतिशत लोगों का कहना था कि सोशल मीडिया पर 80 फीसदी से अधिक जानकारी फर्जी होती है।
इससे पता चलता है कि लोग फर्जी खबरों को लेकर अवगत हैं लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों का कहना है कि वे सोशल मीडिया से सूचना हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान डिजिटल न्यूज मीडिया का इस्तेमाल 5.8 फीसदी बढ़ा है और न्यूज के लिए टीवी देखने वालों की संख्या में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मौजूदा समय में कई जगह पर समाचार पत्र लोगों को नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में लोग ई-पेपर पढ़ रहे हैं या फिर वेब न्यूज पोर्टल।
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