पिछले कुछ सालों में स्मार्टफोन का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है। बहुत सी चीजें स्मार्टफोन पर होने लगी हैं। स्मार्टफोन की क्रांति शहरों तक होती हुई गांवों तक पहुंच गई है।
हर रोज मार्केट में नए स्मार्टफोन लांच हो रहे हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसी चीजें हैं जिन पर हमें ध्यान देने की जरूरत है। स्मार्टफोन ने कई चीजों को आसान तो कर दिया है लेकिन इसी के साथ कई गलत आदतों का शिकार इंसान होता जा रहा है। कई वैज्ञानिक और शोधकर्ता इंसानों पर स्मार्टफोन के उपयोग से पड़ रहे प्रभाव को समझने की कोशिश करते हैं। ऐसी ही एक और स्टडी सामने आई है।
लोग खुद के स्मार्टफोन कई तरह की चीजें स्टोर रखते हैं। ऐसे में डिजिटल जमाखोरी नाम का एक डिसओर्डर सामने आया है। लोग ढ़ेर सारे डोक्युमेंट, तस्वीरें, वीडियो, फिल्में, एप्स अपने स्मार्टफोन और पेन ड्राइव या पीसी में रखने लगे हैं। और यह की तरह से खतरनाक हो सकती है। कैसे? आइए जानते हैं।
जैसा कि लोगों के पास हर दिन कई तरह की नई चीजें मोबाइल या पीसी/लैपटॉप में जमा होती रहती है। जैसे कई मेल आप डिलीट नहीं करते हैं जो कि किसी काम के नहीं होते हैं।
कई तरह की तस्वीरें आपके फोन में पड़ी होंगी जो काम की नहीं होंगी लेकिन आपको लगता है कि भविष्य में यह काम आ सकती हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। यही डिजिटल जमाखोरी है और इसी को लेकर यह शोध किया गया है। इससे आपका तनाव काफी ज्यादा बढ़ जाता है और आप खुद को डिजिटल कचरे के नीचे धकेल रहे होते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में यह लगातार बढ़ती ही जा रही है। प्रतिवर्ष स्टोर होने वाले औसत डाटा की लागत 50 लाख करोड़ से भी ज्यादा है। स्टडी में सामने आया कि 83 प्रतिशत IT कंपनियां डिजिटल जमाखोरी की बुरी तरह शिकार है। आईटी कंपनियों में काम करने वाले 72 फीसदी लोगों का मानना है कि वे हमेशा ही डिजिटल जमाखोरी करते आए हैं। 47 प्रतिशत लोग डिजिटल फाइलों को डिलीट नहीं करते हैं। इसमें कई तरह की चीजें लोग स्टोर रखते हैं।
रिसर्च में सामने आया कि यह ठीक वैसा ही है जैसे हम अपनी पुरानी और वेस्ट चीजें बाहर नहीं फेंकते। इससे तनाव में बढ़ोतरी होती है। इसमें रिसर्च के लिए 45 लोगों से बात की गई कि वे पुरानी फाइल्स को डिलीट क्यों नहीं करते तो आलस और प्यूचर में पता नहीं काम आ जाए जैसी चीजें उन्होंने बताई।
सबसे ज्यादा डिजिटल जमाखोरी चीन में है जहां जमाखोरी 57 प्रतिशत तक है। जापान 53%
ब्राजील 52%
फ्रांस 50%
कनाडा 48%
ब्रिटेन 42%
भारत-अमेरिका 39%
इस डिजिटल जमाखोरी से लोगों के अंदर लगातार तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। लेकिन इस पर किसी तरह की जागरूकता की अपील फिलहाल की भी नहीं जा रही है जो कि ज्यादा खतरनाक है। लोगों के क्लाउड स्टोरेज के यूज के कारण भी जमाखोरी ज्यादा बढ़ गई है। सभी आईटी कंपनियों को इस पर विचार करने की जरूरत है और लोगों को भी समय समय पर अपने फोन के स्टोरेज को फालतु चीजों से दूर करने की जरूरत है।
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