ऑटो

2019 में हर गाड़ी और बाइक में जरूरी होंगे ये सेफ्टी फीचर्स!

2019 का एक महीना तो बीत भी गया है और कई कार और बाइक निर्माता अपने मॉडल को अपडेट करने में लगे हैं। सरकार ने अप्रेल और अगस्त के बाद से कार और बाइक्स के लिए कुछ सेफ्टी रूल्स  बना दिए हैं जो कि सभी कंपनियों को फोलो करने की जरूरत है।

इसका सीधा मतलब है कि आपको अब ज्यादा सुविधाएँ मिलेंगी और निश्चित रूप से आपका सफर ज्यादा सुरक्षित होगा। लेकिन इसका नेगेटिव पोइंट यह है कि आप इन सुविधाओं के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। ये सुविधाएँ अप्रैल 2018 के बाद लॉन्च की गई सभी नई कारों और बाइक्स पर जरूरी हो चुकी हैं। लेकिन अब मौजूदा वाहनों में भी इसे अप्लाई करने की बारी है।

दो पहिया वाहनों में ABS / CBS होना जरूरी है

सभी दोपहिया वाहनों को सुरक्षित ब्रेकिंग फीचर के साथ आना होगा। 125 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली छोटी बाइक और स्कूटर के लिए सरकार ने सेफ्टी के लिए सीबीएस (कंबाइन ब्रेकिंग सिस्टम) जरूरी बताया है।

bike abs

दोपहिया वाहनों में आमतौर पर फ्रंट ब्रेक लीवर और रियर ब्रेक पेडल या लीवर होता है। सीबीएस के साथ, दो ब्रेक आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए यदि राइडर सिर्फ रियर ब्रेक या सिर्फ फ्रंट ब्रेक दबाता है, तो दूसरे व्हील पर भी ब्रेक वैसा ही लगेगा। इससे स्कूटर या बाइक स्किडिंग नहीं होती है।

125 cc से ऊपर की मोटरसाइकिल और स्कूटर को ABS (एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) की आवश्यकता होगी। यह पहिया को तब भी लॉक होने से रोकता है जब ब्रेक को जोर से दबाया जाता है। जिससे राइडर कंट्रोल बनाए रख पाता है।

सिंगल चैनल ABS का अर्थ है कि यह सुविधा केवल एक पहिए पर उपलब्ध होगी जबकि दोहरे चैनल का अर्थ होगा कि यह दोनों पहियों पर मौजूद है।

टू-व्हीलर्स के लिए हमेशा ऑन-हेडलैंप या डीआरएल

दिन में भी जब आप बाइक चला रहे हैं तो बाइक की हैड लाइट ऑन ही रखी जाए जो अप्रैल 2017 में ही अनिवार्य हो गई थी। इससे दोपहिया वाहन सड़क पर ठीक से दिखाई दे सकते हैं। तो इसका मतलब है कि अब जब भी बाइक स्टार्ट होगी हैडलाइट ऑन हो जाएगी।

motorcycle-driving-lights-on-the-road

हालांकि, इसने कई बाइक खरीदारों को हेडलैम्प बल्बों की शिकायत की कि ये बल्ब जल्दी खराब या फ्यूज हो जाते हैं। इसके लिए बाइक निर्माता अब एक अलग एलईडी डे-टाइम रनिंग लाइट (डीआरएल) फिट कर रहे हैं।

सभी कारों के लिए अनिवार्य ABS

सभी कारें फिर चाहे बेस मॉडल हो या टॉप-स्पेक, सभी में ABS  होना जरूरी है। यह कारों के लिए एक प्रमुख सेफ्टी एलिमेंट है। इससे राइडर की गाड़ी अधिक कंट्रोल में रहती है।

car abs

एबीएस के बिना कारों में यदि सामने के पहिए जोर से ब्रेकिंग पर बंद हो जाते हैं तो कार को रोकने और बचने की कोशिश में दिक्कत आती है। एबीएस के साथ जब एमरजंसी ब्रेक लगाया जाता है तो टायर लॉक नहीं होता और गांड़ी कंट्रोल में रह पाती है। 1 अप्रैल के बाद बेची जाने वाली सभी कारों, बसों और ट्रकों में ABS  होना जरूरी होगा।

कारों के लिए जरूरी एयरबैग

अंतर्राष्ट्रीय दुर्घटनाओं के परीक्षण के बाद भारतीय कारों को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ अहम कदम सामने आए हैं। सरकार ने कम से कम एक ड्राइवर एयरबैग को सभी मॉडल के कारों में फिट करने का आदेश दिया है।

सिंगल एयरबैग सप्लीमेंट्री रेजिस्टेंट सिस्टम (SRS) होता है। इसे ड्राइवर या यात्री को चोटों से बचाने के लिए सीट-बेल्ट के साथ मिलकर काम करने के लिए बनाया गया है। यदि यह दुर्घटना में दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और चालक / यात्री बेल्ट नहीं पहनते हैं, तो एयरबैग भी घातक हो सकता है।

cars-with-airbags

सीट-बेल्ट वार्निंग सिस्टम

भारत में कारों में सीट-बेल्ट के बहुत निराशाजनक उपयोग को देखते हुए सरकार ने जुलाई 2019 के बाद बनी सभी कारों के लिए सीट-बेल्ट वार्निंग बीप और वार्निंग लाइट होना जरूरी कर दिया है। यह ड्राइवर और फ्रंट पैसेंजर सीट दोनों के लिए होगा।

हाल ही में सड़क सुरक्षा सम्मेलन में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि वे इस सीट-बेल्ट रिमाइंडर को वाहन की सभी सीटों के लिए अनिवार्य बनाना चाहते हैं जिसमें पीछे की सीटें भी शामिल हैं।

seat belt

स्पीड वार्निंग सिस्टम

जुलाई 2019 के बाद बने सभी वाहनों को स्पीड-वार्निंग सिस्टम से लैस करना होगा। 80 किमी प्रति घंटे की गति पर वाहन वार्निंग बीप की आवाज करेगा। 120 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति पर चालक के पास और ज्यादा तेज बीप की आवाज आएगी। भारत में गति सीमाएं अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्गों पर 90 किमी प्रति घंटा, एक्सप्रेसवे पर 100 किमी प्रति घंटा और दिल्ली के आसपास पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जैसे कुछ एक्सप्रेसवे पर 120 किमी प्रति घंटे तक हैं।

speed indicator

रिवर्स पार्किंग सेंसर

रिवर्स पार्किंग सेंसर अब सामान के रूप में नहीं बेचे जाएंगे। वे सभी कारों की स्टेनडर्ड फिटमेंट लिस्ट का हिस्सा होंगे। सरकार का कहना है कि इससे वाहन चालक को वाहन के पीछे आने वाली बाधाओं को रोकने में मदद मिलेगी और दुर्घटना को रोका जा सकेगा खासकर तब जब बच्चों और पालतू जानवरों को रिवर्स पार्किंग के दौरान दुर्घटना का सामना करना पड़ रहा है।

car-reverse-parking-sensor

बेसिक सेंसर चालक के पीछे बाधाओं की चेतावनी देने के लिए बीप का साउंड करेंगे। यह जुलाई 2019 में लागू होगा।

केब में नहीं होंगे चाइल्ड लॉक

हालाँकि भारत में बेची जाने वाली सभी कारों के पिछले दरवाजों पर चाइल्ड लॉक आते ही हैं। लेकिन सरकार ने कैब के लिए पीछे के दरवाजों से चाइल्ड लॉक को हटाने के आदेश दे दिए हैं।

child-lock

इस कदम के पीछे का कारण महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध हैं जहां चालकों ने चाइल्ड लॉक तैनात किए हैं जिससे यात्री को पीछे से दरवाजा खोलना असंभव हो जाता है जबकि वे केवल बाहर से ही खुल सकते हैं।

मैनुअल ओवरराइड के साथ सेंट्रल लॉकिंग

इलेक्ट्रॉनिक सेंट्रल-लॉकिंग सिस्टम के साथ आने वाली सभी कारों को मैनुअल ओवरराइड सिस्टम के साथ फिट किया जाएगा। यह यात्रियों को दुर्घटना या आग लगने की स्थिति में वाहन के अंदर फंसने से रोकने में मदद करेगा, जो इलेक्ट्रोनिक सिस्टम को डिसएबल कर देता है।

यह फैसला आग लगने की स्थिति में सेन्ट्रल लॉकिंग सिस्टम के जाम होने के कारण हुई कई मौतों के बाद आया है।

नए क्रैश टेस्ट नॉर्म्स

अक्टूबर 2019 से, भारत में सभी कारों को नए कड़े क्रैश टेस्ट से गुजरना होगा। भारत के नई कार आकलन कार्यक्रम (भारत NCAP) में कहा गया है कि कारों को 48 किमी प्रति घंटे का फुल-फ्रंट क्रैश, 50 किमी प्रति घंटे का साइड-इफेक्ट क्रैश टेस्ट और 56 किमी प्रति घंटे का फ्रंट-ऑफसेट इफेक्ट टेस्ट पास करना होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, ये परीक्षण 64 किमी प्रति घंटे की गति से किए जाते हैं। भारतीय मानदंड अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों की तुलना में अभी भी कमजोर हैं।

car crash test

1 अक्टूबर 2017 के बाद भारत में लॉन्च किए गए सभी कारों के मॉडल पहले ही इस निर्देश का पालन कर रहे हैं जबकि सभी मौजूदा कार मॉडल को अक्टूबर 2019 में इस आवश्यकता को पूरा करना होगा।

इसका मतलब है कि कई पुराने स्कूल वाहन इस तारीख से पहले भारत में नहीं रहेंगे। इनमें मारुति ओमनी, टाटा नैनो और अन्य जैसे वाहन शामिल हैं।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

7 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

7 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

8 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

8 months ago