New parliament building will be witness to the creation of Atmanirbhar Bharat: PM Modi.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन के निर्माण के लिए विधिवत तौर पर भूमि पूजन किया और इसकी आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई प्रमुख मंत्री मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन मील का पत्थर है। नए संसद भवन का निर्माण नूतन और पुरातन का उदाहरण है। उन्होंने ने कहा कि मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था। अब हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा हमारी संसद की नई इमारत बने। उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को गढ़ने में अहम भूमिका निभाई है। आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है। पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है। भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। भारत के लिए लोकतंत्र में जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है। आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा। आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है। आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण होगा।
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पीएम मोदी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र पश्चिमी देशों को समझाया जाता है। जब हम विश्वास के साथ अपने लोकतांत्रिक इतिहास का गौरवगान करेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब दुनिया भी कहेगी, ‘भारत लोकतंत्र की जननी है।’ 21वीं सदी की दुनिया भारत को अहम लोकतांत्रिक ताकत के रूप में आगे बढ़ते देख रही है। हम भारत के लोग ये प्रण करें कि हमारे लिए देश की एकता और अखंडता से बढ़कर कुछ नहीं होगा।
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