हाल में किए गए एक नए गंध परीक्षण से कोरोना वायरस के निदान में मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कैप्सूल आधारित गंध परीक्षण से कोरोना वायरस के निदान में सहायता मिल सकती है। शुक्रवार को जर्नल रॉयल सोसाइटी इंटरफेस में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक यह परीक्षण पार्किंसन बीमारियों के मरीजों पर भी करना आसान है। इसके अलावा बड़ी आबादी में संक्रमण निदान भी हो सकता है।
ब्रिटेन के क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया कि गंध परीक्षण में पार्किंसन और अल्जाइमर समेत तंत्रिका तंत्र संबंधी कुछ स्थितियों के निदान में मदद की भी क्षमता है। उन्होंने कहा कि हालांकि ये परीक्षण व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं हैं।महंगा होने के साथ-साथ सामान्य स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्थाओं में काफी वक्त लगता है। इसके लिए एक किट भी बनाई है, जिसमें सुगंधित तेलों की खुशबू वाले कैप्सूलों को एक तरफ टेप वाली दो पट्टियों के बीच रखा जाता है।
इसके बाद गंध परीक्षण के लिए कैप्सूलों को उंगलियों और टेप की पट्टी के बीच तोड़ा जाता है, जिससे कैप्सूल में भरी सामग्री बाहर आ जाती है। किसी व्यक्ति के इन खुशबुओं को पहचानने की क्षमता के आधार पर अंक तय किया जाता है, अगर मरीज गंध हीनता का अनुभव करता है तो उसे चिकित्सकों को भेजा जा सकता है।
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