भारतीय सिनेमा जगत की अभिनेत्री व तृणमूल कांग्रेस नेता मुनमुन सेन 28 मार्च को अपना 69वां जन्मदिन मना रही हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा से लेकर बंगाली, तमिल, तेलुगु, उड़िया, मराठी और मलयालम फिल्मों में अपने अभिनय कौशल से सिने-प्रेमियों के दिलों पर राज किया। अभिनेत्री मुनमुन सेन राजनीति से जुड़ी हुई हैं और तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। इस खास अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें…
अभिनेत्री मुनमुन सेन का जन्म 28 मार्च, 1954 को कोलकाता में लोकप्रिय बंगाली अभिनेत्री सुचित्रा सेन और दिबानाथ सेन के घर में हुआ था। उनकी मां सुचित्रा सेन बीते दौर की एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री थी। सुचित्रा सेन हिन्दी और बांग्ला फिल्मों का जाना पहचाना नाम थी। यहीं कारण था कि उनकी बेटी मुनमुन ने भी अभिनय की दुनिया में हाथ आजमाया।
उनकी प्रारम्भिक शिक्षा लोरेटो कॉन्वेंट, शिलांग और लोरेटो हाउस, कोलकाता में हुईं। उन्होंने सोमरविले कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता से तुलनात्मक साहित्य में स्नातकोत्तर प्राप्त किया।
उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में अभिनय किया। वह 60 फिल्मों और 40 टेलीविजन सीरियल्स में भी काम कर चुकी हैं। फिल्म सिरिवेनेला (Sirivennela) में उनके अभिनय के लिए उन्हें 1987 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए आंध्र प्रदेश राज्य ‘नंदी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।
मुनमुन ने बॉलीवुड जगत में प्रवेश 1984 में फिल्म ‘अंदर बाहर’ से किया था। इस फिल्म में वह जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर के साथ नजर आई थी। उन्होंने मुसाफिर (1986), मोहब्बत की कसम (1986), शीशा (1986), प्यार की जीत (1987), मजनू (1987),वो फिर आयेगी (1988), पत्थर के इन्सान (1990), विषकन्या (1991), वक़्त का बादशाह (1992), जख्मी दिल, 100 डेज और भी कई फिल्मों में अभिनय किया।
मुनमुन फिल्मों में अपनी बोल्ड इमेज को लेकर खूब चर्चित रही हैं। वे अपने फिल्मी करियर में अभिनय से ज्यादा अफेयर को लेकर सुर्खियों में रहती थीं। मुनमुन का नाम उस वक्त ज्यादा चर्चा में रहा जब वह एक मैग्जीन के कवर पेज पर पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान के साथ बोल्ड लुक में दिखीं। मुनमुन की दो बेटियां है जिनका नाम रिया और राइमा है। ये दोनों भी हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगू, उडिया और मलयालम फिल्मों में काम कर रही हैं।
अभिनेत्री मुनमुन सेन मार्च 2014 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में एंट्री ली। इसी साल उन्होंने टीएमसी के टिकट पर पश्चिम बंगाल की बांकुरा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सुर्खियां बटोरीं। दरअसल, उन्होंने सीपीआई (M) के नौ बार के सांसद बासुदेब आचारिया को हराया। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो के सामने हार का सामना करना पड़ा।
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