कई बार एटीएम से पैसे निकालते समय आपको कैश नहीं निकलता है और खाते से रकम कटने का मैसेज तुरंत आ जाता है। फिर क्या परेशानी शुरू, और हो क्यों नहीं आखिर पैसों का मामला है। हालांकि कई बार कुछ समय बाद रिफंड का मैसेज आ जाता है, पर कई बार किसके अकांउट में पैसे रिफंड नहीं आ पाते हैं। लेकिन जिसके अकाउंट में पैसे वापस नहीं आए तो उनको बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
एटीएम से पैसे न आने पर ये उपाय अपनाएं-
अगर आपके साथ भी ऐसी स्थिति हो तो आप घबराए नहीं और ट्रांजेक्शन की स्लिप जरूर लेवें ताकि आगे की कार्यवाही में मदद मिल सके। साथ ही मोबाइल पर आए एसएमएस को भी सुरक्षित रखे, जो एक सबूत के रूप में आपकी मदद करेगा। अब आपको अपने खाता वाली बैंक शाखा में इस संबंध में संपर्क करना होगा और उन्हें पूरी घटना बतानी होगी।
कस्टमर केयर या टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करवाएं
आज के समय में करीब सभी बैंक अपने ग्राहकों की समस्याओं के हल के लिए कस्टमर केयर या टोल फ्री नंबर की सुविधा देते हैं। आप बैंक द्वारा उपलब्ध नंबरों पर कॉल करके अपनी समस्या को दर्ज करवा सकते हैं। एक बार अपनी पहचान को प्रमाणित करने के बाद बैंक का एग्जिक्यूटिव आपसे ट्रांजेक्शन स्लिप में लिखी डीटेल मांगेगा। वह आपको सही बतानी होगी। इसके बाद आपकी शिकायत दर्ज कर ली जाएगी और आपको एक ट्रैकिंग नंबर मिलेगा। आपकी समस्या का समाधान सात दिनों में होगा।
अपनी बैंक शाखा जाकर शिकायत दर्ज करवाएं
यदि कस्टमर केयर ने आपकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की तो आप बैंक की शाखा में जाकर शिकायत कर सकते हैं। बैंक में मौजूद हेल्पडेस्क आपकी शिकायत दर्ज कर इसे दूर करने के प्रयास करेगी। ग्राहक अपनी समस्याएं बैंक की वेबसाइट पर लिखित शिकायत द्वारा भी कर सकते हैं।
ग्राहक अपनी शिकायत का समाधान नहीं होने की स्थिति में उपभोक्ता विवाद निपटान अदालत (एनसीडीआरसी) में शिकायत दर्ज करवाकर न्यायिक सहायता प्राप्त कर सकता है। यह उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 के तहत काम करता है। अगर इससे पहले तक आपकी शिकायत का समाधान नहीं हुआ है तो आपको यहां न्याय अवश्य मिलेगा।
यह है आरबीआई का नियम
यदि ग्राहक द्वारा एटीएम से पैसा निकालने के दौरान बैंक खाते से पैसा कट जाए गया है और एटीएम से पैसा निकले नहीं तो ग्राहक को सबसे पहले एटीएम कार्ड जारी करने वाले बैंक के पास तुरंत शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। इसके बाद बैंक के ग्राहक सेवा केन्द्र को शिकायत तुरंत संज्ञान में लेनी चाहिए।
बैंक को देना होगा हर्जाना
इस प्रकार के केस में पीड़ित ग्राहक को अपनी शिकायत दर्ज करवानी होगी। ग्राहक की शिकायत दर्ज होने के बाद बैंक को शिकायतकर्ता के खाते में पैसा सात दिन के अंदर क्रेडिट करना अनिवार्य है। अगर पैसा नहीं आता है तो बैंक को हर्जाना देना होगा। वर्ष 2011 से लागू आरबीआई के नियमों के अनुसार देरी की स्थिति में बैंक को 100 रुपये रोजाना के हिसाब से हर्जाने का प्रावधान है।
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