Modi govt provides 'work from home' facility to its officers and employees.
देश में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के बीच केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राहत और ख़ुशी की ख़बर आई है। दरसअल, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा दे दी है। इनमें बहुत से ऐसे वर्कर भी हैं, जो आउटसोर्स पॉलिसी के तहत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में काम करते हैं। मोदी सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वे भी दूसरे वर्कर्स की तरह ही घर से काम करते रहेंगे।
हालांकि, शुरू में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को लॉकडाउन पीरियड के दौरान ‘वर्क फ्रॉम होम’ का वेतन मिलेगा या नहीं। ऐसे में ये कर्मी चिंतित थे कि उन्हें सैलरी नहीं मिलेगी। अब वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आउटसोर्स वर्कर्स को लॉकडाउन पीरियड में ऑन ड्यूटी माना जाएगा। स्थायी कर्मियों की तरह उन्हें भी वेतन मिलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 23 मार्च को जो नई गाइडलाइन जारी की गई, उसके तहत मोदी सरकार के मंत्रालयों, विभागों, संगठनों, वैधानिक एवं स्वायत्त शाखाओं को वर्क फ्रॉम होम के लिए अधिकृत किया गया था। इन विभागों में बहुत से कर्मचारी ऐसे भी थे, जो आउटसोर्स पॉलिसी के अंतर्गत काम कर रहे थे।
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वर्तमान दौर में भी ऐसे कई कर्मचारी कोरोना वायरस संकमण से बचने के लिए अपने घरों पर रहे। इन्हें कार्यालय की ओर से जो काम मिलता, ये अपने घर से उसे निपटा देते थे। चूंकि, उस समय ऐसा कोई स्पष्ट आदेश नहीं था कि लॉकडाउन के दौरान इन वर्कर्स को वेतन भत्ते मिलेंगे या नहीं। हाल में 22 मई को वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए ऐसे सभी अस्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों को आश्वस्त कर दिया है कि उन्हें लॉकडाउन काल में भी ऑन ड्यूटी ही माना जाएगा। इसके लिए नियम अनुसार जो भी वेतन भत्ते तय किए गए हैं, वे उन्हें पहले की तरह मिलते रहेंगे।
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