Members of the Communist Party of China will not be able to publicly protest.
चीन की सत्ताधारी चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने अपने नियमों में बदलाव किया है। पार्टी ने अपने 9.2 करोड़ सदस्यों के लिए नियमों में बदलाव किया। सीसीपी सदस्यों पर मतभेदों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि इस प्रकार की गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बुधवार को यह जानकारी दी। बता दें, चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी इस साल अपना 100वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है।
चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के संशोधित नियमों में यह प्रावधान किया गया है कि यदि पार्टी के नेता अयोग्य पाये जाते हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं को उन्हें हटाने की मांग करने का अधिकार होगा। हालिया संशोधित नियमों में सूचना प्राप्ति और आंतरिक शिकायतों के समाधान पर नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और इसे पार्टी के भीतर लोकतंत्र को बढ़ावा देने के रूप में दिखाया जा रहा है। सीसीपी के नए नियम में स्पष्ट किया गया है कि पार्टी अपने रैंक में किसी के मतभेद को बर्दाश्त नहीं करेगी, विशेष रूप से अगर सार्वजिक रूप से शिकायत की जाती है तो।
चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के नए नियम में कहा गया है कि पार्टी के सदस्य आलोचना करते हैं, खुलासा करते हैं या समाधान और सजा के लिए अनुरोध करते हैं, तो उन्हें संगठन के तंत्र का उपयोग करना चाहिए। उन्हें उसे स्वतंत्र रूप से इंटरनेट पर नहीं डालना चाहिए या उसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश नहीं करना चाहिए, तथ्यों को तोड़ना-मरोड़ना नहीं चाहिए, फर्जी तथ्य नहीं डालने चाहिए या झूठे आरोप नहीं लगाने चाहिए। नियम पुस्तिका के प्रावधान 16 में कहा गया है कि पार्टी के सदस्यों को ऐसे विचार सार्वजनिक मंच पर नहीं रखने चाहिए जो सीसीपी की केन्द्रीय समिति के विचार के अनुरुप ना हों।
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आपको जानकारी के लिए बता दें कि चीन की सत्तारूढ़ पार्टी सीसीपी की स्थापना ख्यात चीनी नेता माओत्से तुंग ने वर्ष 1921 में की थी। इसे सीपीसी यानि कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना भी कहते हैं। कम्युनिस्ट पार्टी पहली बार वर्ष 1949 में सत्ता में आई और इस साल जुलाई में अपने शताब्दी वर्ष पर भव्य आयोजन की योजना बना रही है। सीसीपी एकदलीय प्रणाली में सबसे लंबे समय तक सत्ता में बनी रहने वाली मार्क्सवादी पार्टी है।
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