हलचल

क्या मायावती प्रधानमंत्री पद की होड़ में खुद को साबित करने में लगी है?

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को राहुल गांधी की खुलकर आलोचना की। राहुल गांधी के गरीबों के लिए उनकी न्यूनतम आय के वादे को मायावती ने “मजाक” बताया। मायावती ने इसे इंदिरा गांधी के “गरीबी हटाओ” और भाजपा के “अच्छे दिन” नारे जैसा बताया।

राहुल गांधी पर यह हमला दो चीजों की ओर इशारा करता है। एंटी बीजेपी खेमें में आपस में विरोध नजर आता है इसके अलावा प्रधानमंत्री की रेस में मायावती अपना स्थान पक्का करती नजर आ रही हैं।

मायावती प्रियंका गांधी वाड्रा की पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव के रूप में नियुक्ति को लेकर गुस्से में दिखाई दे रही हैं। साफ नजर आता है कि प्रियंका गांधी की एंट्री से कांग्रेस सपा और बसपा गठबंधन के वोट खींचना चाह रही है।

यूपी की दोनों पार्टियों ने अपने गठबंधन से बाहर रखते हुए कांग्रेस को फटकार लगाई थी। उनके आकलन के आधार पर कांग्रेस पार्टी चुनाव में बहुत कम योगदान देगी। अगर कांग्रेस 100 से नीचे रहती है तो मायावती और ममता बनर्जी जैसे विपक्षी खेमे में प्रधानमंत्री सीट के आसार बढ़ते हैं।

कांग्रेस इससे अलग अधिकतर राज्यों में अकेले चुनाव लड़ने जा रही है और अपनी सीटों को बढ़ाने की जद्दोजहद में लगी हुई है।

rahul-gandhi

“स्कीम को पहले राज्यों में लगाओ”

छत्तीसगढ़ में सोमवार को एक रैली को संबोधित करते हुए, गांधी ने गरीबों को न्यूनतम आय की गारंटी देने का वादा किया, जो मई में कांग्रेस के सत्ता में आने पर सीधे उनके बैंक खातों में आएगा।

एक दिन बाद इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने कहा कि पूरा देश “स्तब्ध और आशंकित” था। उन्होंने इसे वादे को अच्छे दिन और इंदिरा के गरीबी हटाओ जैसा बताया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सबसे पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम लागू करने चाहिए ताकि लोगों को विश्वास हो सके कि यह राष्ट्रीय स्तर पर किया जा सकता है। मायावती ने आगे कहा कि वैसे भी विश्वसनीयता के मामले में, कांग्रेस और भाजपा दोनों के रिकॉर्ड अच्छे नहीं रहे हैं। दोनों पार्टियां एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

रणनीति में बदलाव

मायावती, जिन्होंने कभी गांधी पर हमला करने के लिए अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया था फिलहाल भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान रूप से खुद को अलग रख रही हैं।

एसपी-बीएसपी गठबंधन की घोषणा करने के लिए 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मोदी सरकार के राफेल फाइटर जेट डील के साथ साथ राजीव गांधी सरकार के बोफोर्स तोप सौदे का भी जिक्र किया। इस तरह मायावती कांग्रेस और बीजेपी दोनों को आंख दिखा रही हैं।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

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