हलचल

विवाहित बेटी भी सर्वाइवर की अनुमति से अनुकंपा के आधार पर नौकरी की हकदार: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि अनुकंपा के आधार पर विवाहित बेटी को भी नौकरी दी जा सकती है, हालांकि इसमें ये शर्त है कि सर्वाइवर (मां/पिता) ऐसा करने के इच्छुक हों। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि सिर्फ बेटी होना अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए पर्याप्त नहीं है। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ ने एक विवाहित बेटी की उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें उसने पिता की मौत के बाद अनुकंपा पर नौकरी की मांग की थी।

डीएसपी पद पर तैनात पिता की हो गई थी मौत

आपको बता दें कि 17 जुलाई, 2013 को डीएसपी पद पर तैनात रहते हुए याचिकाकर्ता विवाहिता के पिता जितेंद्र सिंह भदौरिया की मौत हो गई थी। याचिका दायर करने वाली महिला सुरभि भदौरिया की ओर से पेश वकील दुष्यंत पराशर ने पीठ के समक्ष कर्नाटक राज्य बनाम सीएन अपूर्वा मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि उस फैसले के आधार पर शादीशुदा बेटी भी अनुकंपा पर नौकरी पाने की हकदार है।

इस पर जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा है कि इस योजना के नियम-2.2 के अनुसार अनुकंपा पर नौकरी के लिए सर्वाइवर (मां/पिता) से नाम को हरी झंडी मिलनी चाहिए, लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ता विवाहित बेटी को अनुकंपा पर नौकरी के लिए मां की ओर से मंजूरी नहीं मिली है।

याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों से कोर्ट संतुष्ट नहीं

याचिकाकर्ता महिला के वकील दुष्यंत पराशर ने कहा कि विवाहित बेटी को अनुकंपा पर नौकरी के लिए उसकी मां की ओर से मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन मौजूद प्रावधान के तहत वह व्यक्तिगत अधिकार के तौर पर अनुकंपा पर नौकरी की मांग कर सकती है। उन्होंने कहा कि मां ने उसके नाम को इसलिए मंजूरी नहीं दी, क्योंकि याचिकाकर्ता विवाहित बेटी ने अचल संपत्ति के बंटवारे की मांग करते हुए एक मामला दायर कर रखा था।

महिला के वकील पराशर ने कहा कि याचिकाकर्ता का भाई पेशे से वकील है और वह सुप्रीम कोर्ट में वकालत करता है। याचिकाकर्ता परिवार में सबसे बड़ी है, इसलिए उसकी मां को उसके दावे पर आपत्ति नहीं हो सकती है। हालांकि शीर्ष अदालत की पीठ याचिकाकर्ता महिला के वकील पराशर की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई और उसकी याचिका को खारिज कर दी।

Read Also: दूसरी पत्नी के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता: शीर्ष अदालत

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago