हाल में केन्द्र सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट को देशभर में लागू किया। कई राज्यों ने इसे अपना लिया लेकिन कई राज्यों ने अपने यहां लागू करने से पैर पीछे खींच लिए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा बीजेपी शासित राज्य है। जाहिर है इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बैकफायर पर है। केद्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों की पालना के लिए नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि को कई गुणा बढ़ाया है। लेकिन यह नया कानून उसके लिए ही मुसीबत बनता दिख रहा है। जिस मंशा और मक़सद से केद्र सरकार इस नए कानून को लेकर आई, उसे लेकर राज्य सरकारें गंभीर नहीं है। दरअसल, राज्यों ने इसे अपने वोट बैंक से जोड़ लिया है।
1 सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट पूरे देश में लागू हो गया, लेकिन कुछ राज्यों ने इसे अभी तक अपनाया नहीं है, तो वहीं कुछ राज्य सरकारों ने नए कानून के तहत लगने वाले जुर्मानों में भारी कटौती कर दी है। इन राज्यों में बीजेपी शासित राज्यों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस नए कानून के लागू होते ही कई राज्यों में हजारों की राशि के चालान कटे, लेकिन अब कई राज्य सरकारें इसको लेकर सतर्क हो गई हैं। केन्द्र सरकार के इस नए कानून के तहत कई मामलों में जुर्माना राशि 1000 से बढ़कर 5 हजार या 10 हजार रुपए तक बढ़ा दी गई। कई जगह 50 हजार तक के चालान कटने लगीं। खबरें आने लगीं और इस पर तीखी बहस शुरू हो गई।
आम लोगों के बीच चालान को लेकर काफ़ी चर्चा है। इसी बीच कई राज्यों ने भारी-भरकम जुर्मानों से बचाव के लिए कई अलग रास्ते निकाल लिए। सबसे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जुर्माना राशि में कटौती का ऐलान किया। यहां तक कि नए नियमों के तहत लागू कई जुर्मानों में राशि घटाकर 90 फीसदी तक कम कर दी। उत्तराखंड ने भी 90 प्रतिशत तक जुर्माना राशि कम करने की घोषणा कर दी है। वहीं, कर्नाटक की ओर से अभी विचार कहे जाने की बात कही जा रही है।
जैसे ही गुजरात ने सबसे पहले नए कानून के तहत भारी जुर्माना भरने से बचाव का रास्ता निकाला, कई अन्य राज्यों ने उसे देखकर अपने यहां भी बदलाव की तैयारी कर ली है। गुजरात के बाद महाराष्ट्र सरकार ने परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को चिट्ठी लिखते हुए जुर्माना राशि पर चिंता जताई है। फडणवीस सरकार की चिंता ये भी है कि कहीं ये बढ़ा हुआ जुर्माना आगामी विधानसभा चुनाव में उसे नुकसान पहुंचे दे। दो अन्य राज्यों में भी चुनाव होने वाल हैं। इनमें झारखंड और हरियाणा शामिल हैं। झारखंड जल्द ही विशेष सत्र बुलाकर केन्द्र के नए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर सकता है। वहीं, हरियाणा ने अभी 45 दिनों का जागरूक अभियान चलाने के पक्ष में है।
कई राज्य ऐसे जहां अभी तक नए कानून का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं हुआ है। बीजेपी शासित राज्यों के अलावा कई अन्य पार्टियों द्वारा शासित राज्यों में भी यह नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया गया है।
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अगर नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत जुर्माना राशि घटाने वाले राज्यों की बात करें तो कई राज्य अपने यहां कटौती कर चुके हैं। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, झारखंड (विचार), कर्नाटक (विचार), हरियाणा (जागरूकता अभियान), पश्चिम बंगाल (विरोध) और उत्तर प्रदेश (अभी लागू नहीं) शामिल हैं। राजस्थान सरकार ने भी अपने यहां हेलमेट मामले में जुर्माना राशि के बदले हेलमेट देने का फैसला किया है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि राज्य अपने यहां कानून को लागू करने में संशोधन कर सकते हैं।
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