ये हुआ था

महज़ ग्यारह साल की उम्र में तालिबानी आतंकवादियों से भिड़ गई थी मलाला युसूफजई

प्रतिष्ठित ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ विजेता, महज़ ग्यारह साल की उम्र में पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतों से लड़ने वाली, लड़कियों व महिलाओं के शिक्षा जैसे अधिकारों की बात करने वाली 26 साल की लड़की मलाला युसूफजई आज लाखों लड़कियों की प्रेरणा हैं। आज 12 जुलाई को मलाला युसूफजई का जन्मदिन है। इस ख़ास अवसर पर आइए जानते हैं उनके प्रेरणादायी जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

कौन हैं मलाला यूसुफजई?

पाकिस्तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत की स्वात घाटी में 12 जुलाई, 1997 को मलाला यूसुफजई का जन्म हुआ था। स्कूल में हमेशा फर्स्ट आने वाली मलाला बचपन से ही अपनी बात जोशीले अंदाज में रखना पसंद करती थी। उनके पिता का नाम जियाउद्दीन यूसुफजई है।

वर्ष 2007 से मई 2009 के समय में स्वात घाटी के लोग तालिबानी आतंकवादियों के साये में थे। हर दिन कहीं न कहीं से आतंकी घटना की खबरें आती थी। महिलाओं पर अत्याचार, बच्चों पर जुल्म मानो स्वात घाटी के लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया था।

मलाला की कहानी कहां से शुरु हुई…

तालिबान आतंकियों ने लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया, उस समय मलाला 8वीं क्लास में पढ़ती थी। कुछ ही दिनों में आतंकवादियों ने पूरी स्वात घाटी पर कब्जा कर लिया। वहां हर चीज पर बैन लगा दिया गया।एरिया के सारे स्कूल बंद होने से उसके पिता मलाला को पेशावर ले गए।

पेशावर में कुछ समय बाद मलाला युसूफजई ने नेशनल प्रेस के सामने “हाउ डेयर द तालिबान टेक अवे माय बेसिक राइट टू एजुकेशन”? पर एक भाषण दिया,  जिसके बाद वो हर किसी की नजरों में आ गई। उस समय वो सिर्फ 11 साल की थी। इसके बाद वर्ष 2009 में मलाला ने किसी दूसरे नाम से बीबीसी को एक डायरी लिख कर तालिबानी घटना के बारे में सबकुछ बताया।

तालिबानी आतंकवादियों ने मलाला के सिर में मारी गोली…

वर्ष 2012 तक मलाला युसूफजई लगातार तालिबानी आतंकवादियों के खिलाफ बोलती रही, 9 अक्टूबर 2012 को जब वो बस में अपने स्कूल जा रही थी तभी ‘मलाला कौन है?’ की आवाज के साथ आतंकवादी उस बस में चढ़ गए। मलाला का पता लगते ही उन्होंने गोली चलाई जो सीधे मलाला के सिर में लगी।

खून से लथपथ घायल मलाला को ब्रिटेन के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में ले जाया गया, तब तक पूरी दुनिया के कई हिस्सों में मलाला के जज्बे वाले किस्से पहुंच गए थे और लोग उसके स्वस्थ होने दुआ करने लगे।

2014 में मिला नोबेल शांति पुरस्कार

आखिरकार मलाला स्वस्थ होकर लौटी, मलाला को इसके बाद अंतरराष्‍ट्रीय बाल शांति पुरस्कार, पाकिस्तान का राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार दिया गया। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने मलाला के जन्मदिन 12 जुलाई को “मलाला डे” मनाने का फैसला लिया। पाकिस्तान की आम स्कूली छात्रा से अब सामाजिक कार्यकर्ता बनी मलाला यूसुफजई को वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा गया।

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Raj Kumar

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