M F Husain had to leave the country after making nude paintings of Hindu gods and goddesses.
भारत के सबसे विवादित चित्रकार व विश्व प्रसिद्ध आर्टिस्ट एमएफ हुसैन की 9 जून को बारहवीं डेथ एनिवर्सरी है। बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका पूरा नाम मक़बूल फ़िदा हुसैन था। एमएफ हुसैन का जन्म 17 सितंबर, 1915 को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले स्थित पंढरपुर शहर में एक सुलेमानी बोहरा मुस्लिम परिवार में हुआ था।
एमएफ को पेंटिंग, ड्राइंग, राइटिंग के अलावा को फिल्म मेकिंग का बड़ा शौक था। अपनी कई पेंटिंग्स के लिए दुनियाभर में सराहे गए एमएफ की कई पेंटिंग्स बेहद विवादित रही थीं, जिसके कारण उन्हें भारत तक छोड़ना पड़ गया था। एमएफ हुसैन की डेथ एनिवर्सरी पर जानिए उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें..
एमएफ हुसैन ने मात्र ढाई साल उम्र में अपनी मां को खो दिया था। इसके कुछ महीनों के बाद उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली और वे इंदौर जा बसे। एमएफ ने अपनी स्कूली शिक्षा इंदौर से ही पूरी की। उन्होंने किशोर अवस्था में कुछ साल बड़ौदा में बिताए। वहां उन्होंने सुलेख कला सीखीं। इसके बाद धीरे-धीरे उनकी कला की ओर रुचि बढ़ती गई और फ़िर उन्होंने एक कलाकार बनने का फैसला किया। वे सन् 1935 में बॉम्बे (मुंबई) चले गए और वहां प्रसिद्ध सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला ले लिया था। एमएफ हुसैन बॉम्बे प्रोगेसिव आर्टिस्ट्स ग्रुप के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक थे।
विवादित चित्रकार एमएफ हुसैन ने सिनेमा पेंटिंग के चित्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। 1930 के दशक के आरंभ तक हिंदी सिनेमा प्रति वर्ष करीब 200 फिल्मों का निर्माण कर रहा था, इस दौरान विज्ञापन बाज़ार में नामी पेंटर्स की जरूरत महसूस हुई। एमएफ ने इस अवसर का इस्तेमाल अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किया। यह वो समय था जब उन्होंने एक खिलौना कंपनी के लिए भी काम करना शुरू किया था, जहां उन्होंने कुछ नए खिलौने डिजाइन किए और बनाये। एमएफ हुसैन की पेंटिंग्स की लोकप्रियता दुनियाभर में इतनी थी कि फॉर्ब्स पत्रिका ने उन्हें ‘पिकासो ऑफ इंडिया’ नाम दिया था।
अपने पूरे करियर के दौरान एमएफ हुसैन ने फोटोग्राफी, प्रिंट मेकिंग और फिल्म निर्माण की भी कई कोशिश की। उन्होंने कुछ फिल्मों को निर्देशित किया था, जिसमें कुछेक फिल्मों को सफ़लता भी मिली थीं। उन्हें फिल्म ‘थ्रू द आइज ऑफ़ ए पेंटर’ के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रायोगिक फिल्म के तहत प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त हुआ था। इसके अलावा उन्होंने एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित को लेकर ‘गाजा गामिनी’ और एक्ट्रेस तब्बू के साथ ‘मीनाक्षी: ए टेल ऑफ़ थ्री सिटीज’ जैसी फिल्में भी बनाई थी। वर्ष 2004 के कांस फिल्म फेस्टिवल में फिल्म ‘मीनाक्षी’ की स्क्रीनिंग हुई थी, जिसके लिए उन्हें सराहना भी मिली थी। एमएफ अभिनेत्री माधुरी के बड़े फैन हुआ करते थे।
इसमें कोई श़क नहीं है कि एमएफ हुसैन दुनिया के नामी पेंटर्स में से एक थे। लेकिन उनका पेंटिंग करियर विवादों से भरा रहा था। उन्होंने कई प्रसिद्ध हिंदू देवी-देवताओं की न्यूड पेंटिंग्स बनाई थी, जिससे देश के बहुसंख्यकों में क्रोध होना स्वाभाविक था। इन विवादित पेंटिंग्स के कारण कई हिंदू संगठनों ने उनके ख़िलाफ़ भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धर्म को अपमानित करने संबंधित एफआईआर दर्ज करवाई थीं। कुछ लोगों ने गुस्से में उनके घर पर भी हमला किया था, जिसके बाद उन्हें देश छोड़ना पड़ा था।
एमएफ हुसैन पहले ब्रितानी नागरिक बने और फिर उन्हें साल 2010 में कतर ने नागरिकता दे दी थी। 9 जून, 2011 को 95 वर्ष की उम्र में विवादित आर्टिस्ट एमएफ हुसैन का लंदन में निधन हो गया। उनकी अंतिम दिनों में भारत लौटने की दृढ़ इच्छा थी, लेकिन वे अपने पूर्व में किए पर मिली धमकियों की वजह से डर गए थे।
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