हलचल

क्या होता है ‘लुकआउट नोटिस’ जो देश की सबसे बड़ी बैंकर के खिलाफ जारी हुआ है !

हमारे देश में इन दिनों करोड़ों-अरबों गबन कर देश से फरार होने का चलन है। पिछले कुछ सालों में इस रेस में सबसे आगे नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चौकसी निकले हैं जो देश को चपत लगाकर विदेश में जाकर बस गए। अब इन नामों में एक नाम और जोड़ा जा “सकता” है? जी हां, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट सर्कुलर (LoC) जारी कर दिया है।

सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के मैनेजिंग डायरेक्टर वेणुगोपाल धूत के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LoC) निकाला है, जिसके बाद इन तीनों का देश छोड़कर जाना मुश्किल हो जाएगा। चंदा कोचर का क्या मामला चल रहा है वो तो हमेशा की तरह हम आपको आखिर में समझाएंगे ही फिलहाल समझिए ये लुक आउट सर्कुलर क्या होता है और यह कब जारी किया जाता है।

यह लुक आउट सर्कुलर क्या होता है ?

सबसे पहली और जरूरी बात कि लुक आउट नोटिस ऐसे लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है जो किसी तरह के आर्थिक अपराध में लिप्त हों। लुक आउट सर्कुलर की वैसे कोई उचित डेफिनेशन नहीं है। यह एक टूल है जिसका उपयोग करके यह बताया जाता है कि जिस व्यक्ति के लिए यह जारी हुआ है वो पुलिस या किसी जांच एजेंसी के लिए जरूरी है। इसके जरिए उन लोगों के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी जाती है जिनकी प्रवर्तन अधिकारियों यानि ईडी वालों को जरूरत होती है।

इसका मुख्य उद्देश्य किसी व्यक्ति को देश से बाहर जाने से रोकना है और जाने की कोशिश करने पर उसे गिरफ्तार कर संबंधित जांच एजेंसी को सौंपना है।

लेफ्ट में मेहुल चौकसी और राइट में नीरव मोदी

कैसे जारी होता है ?

एलओसी आईपीसी के तहत फाइल किए गए किसी भी अपराध में जांच एजेंसी द्वारा जारी किया जा सकता है, जहां अपराधी जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहा हो या गैर जमानती वारंट के बावजूद ट्रायल कोर्ट में पेश नहीं हुआ हो।

मामले से जुड़े जांच अधिकारी एलओसी जारी करने के लिए गृह मंत्रालय को लिखित में आवेदन करते हैं, जिसमें एलओसी जारी करने के लिए कारण बताए जाते हैं।

जिस व्यक्ति के खिलाफ LoC जारी होता है उसे जांच करने वाली एजेंसी के सामने पेश होना चाहिए या संबंधित न्यायालय के सामने यह साबित करना होता है कि उसके खिलाफ LoC गलत तरीके से जारी किया गया है। वह उस अधिकारी से भी संपर्क कर सकता है जिसने एलओसी जारी करने का आदेश दिया था। एलओसी जारी होने के बाद वापस भी लिया जा सकता है और ट्रायल कोर्ट द्वारा इस मामले को भी रद्द किया जा सकता है।

जारी होने के बाद क्या होता है?

लुक आऊट नोटिस किसी के खिलाफ जारी होने के बाद उसको कहीं जाने से रोकने से लेकर उसकी गिरफ्तारी तक की जा सकती है। लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद एयरपोर्ट के भीतर घुसने से रोक दिया जाता है। उस शख्स के आने पर जांच एजेंसी को बुलाया जाता है।

क्या है चंदा कोचर का मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ICICI बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन के प्रमुख वेणुगोपाल धूत और अन्य के खिलाफ 2012 में दिए गए लोन में कथित रूप से अनियमितता को लेकर 1875 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। उस समय चंदा कोचर ही प्रमुख थीं। जांच एजेंसी ने मामले के संबंध में गुरुवार को मुंबई और महाराष्ट्र के औरंगाबाद में वीडियोकॉन मुख्यालय की तलाशी ली।

चंदा कोचर के खिलाफ मामले को यहां समझिए

यह मामला वीडियोकॉन को दिए गए कर्ज और उसके प्रमोटर वेणुगोपाल धूत और उनके पति दीपक कोचर के बीच कारोबारी गठजोड़ से जुड़ा है।

वेणुगोपाल धूत ने कथित तौर पर नुओवर रिन्यूएबल्स में करोड़ों रुपये का निवेश किया जो कि चंदा कोचर के पति द्वारा स्थापित एक कंपनी थी और ऐसा वीडियोकॉन समूह को लॉन देने के बाद किया गया था।

40,000 करोड़ का कर्ज जो वीडियोकॉन को भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 20 बैंकों के एक संघ से मिला था। 3,250 करोड़ का लोन ICICI बैंक के लिए एक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बन गया है।

पिछले साल यह मामला सामने आया था जब एक व्हिसिलब्लोअर ने आरोप लगाया था कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके परिवार के सदस्यों को इस सौदे से फायदा हुआ।

प्रारंभ में, चंदा कोचर ने बोर्ड का पूरा समर्थन किया लेकिन बाद में आरोपों की सूची में रुइया के एक कथित एस्सार समूह शेल कंपनी जैसे नाम भी सामने आए और उन लोगों के बीच भी कोचर परिवार का रिश्ता था।

chanda-kochhar

इन आरोपों के कारण सीबीआई, ईडी और एसएफआईओ सहित कई एजेंसियों ने जांच की और कोचर के परिवार के सदस्यों से पूछताछ भी की।

आईसीआईसीआई बैंक ने पिछले साल रिटायर्ड न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण और चंदा कोचर द्वारा एक स्वतंत्र जांच शुरू की थी। जांच लंबित होने पर चंदा कोचर अनिश्चितकालीन अवकाश पर चली गईं। इसके चलते संदीप बख्शी को दिन-प्रतिदिन के कार्यों की देखरेख के लिए मुख्य परिचालन अधिकारी बनाया गया। चंदा कोचर ने पिछले साल अक्टूबर में इस्तीफा दे दिया था।

सीबीआई की पहली सूचना रिपोर्ट में चार कंपनियों का नाम दिया गया है जिसमें नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

sweta pachori

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

7 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

7 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

8 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

8 months ago