कहते हैं जीवन का सबसे बड़ा सच है मौत। हर किसी को इस सच को स्वीकारना पड़ता है। मौत कब, कहां और कैसे गले लगाएगी ये कोई नहीं जानता। मगर दुनिया में एक जगह ऐसी है जहां जिंदा लोग ही अपना अंतिम संस्कार करवाने पहुंच रहे हैं।
दक्षिण कोरिया के सिओल में करीब 25 हजार लोग जिंदा रहते हुए अपना अंतिम संस्कार करवाने पहुंच चुके हैं। ये पढ़कर भले ही आप चौंक गए हों मगर ये सच है। इस पूरी प्रक्रिया को ‘लिविंग फ्यूनरल’ कहा जाता है जिसमें जिंदा लोगों को बहुत करीब से मौत का अहसास करवाया जाता है। ये हीलिंग का एक तरीका है। ऐसा दावा है कि अपने लिविंग फ्यूनरल की प्रक्रिया से गुजरने के बाद लोगों का जीवन को लेकर नजरिया बदल जाता है। वो ज्यादा खुश रहने लगते हैं। रिश्ते अच्छे से निभाते हैं। अपने जीवन का महत्व समझ पाते हैं और अपनों को बड़ा दिल रखते हुए माफ करते हैं।
दरअसल ‘लिविंग फ्यूनरल’ की शुरूआत ह्योवोन हीलिंग कंपनी ने सिओल में वर्ष 2012 में की। कंपनी के पास पिछले 7 साल के दौरान करीब 25 हजार लोग स्वेच्छा से लिविंग फ्यूनरल के लिए आ रहे हैं। मौत को करीब से जानने के बाद ये लोग अपनी बाकी जीवन को बेहतर बना पाते हैं।
इस प्रोग्राम को एक्सपीरियंस कर चुके 75 साल के चो जे-ही ने कहते हैं कि एक बार जब आप मौत को महसूस कर लेते हैं तो उसे लेकर अलर्ट हो जाते हैं। तब आप जीवन में एक नया दृष्टिकोण अपनाते हैं। इस हीलिंग सेंटर पर 15 साल की उम्र से लेकर 75 साल की उम्र तक के लोग लिविंग फ्यूनरल को एक्सपीरियंस करने पहुंच रहे हैं।
लिविंग फ्यूनरल का हिंदी में मतलब है जीवित व्यक्ति का अंतिमसंस्कार। इस प्रक्रिया में वो सभी रस्में शामिल होती हैं जोकि आपकी मौत के बाद होती हैं। इस प्रक्रिया के लिए आने वाले लोगों की तस्वीर के आगे मोमबत्ती जलाई जाती है। साथ ही उन्हे एक कागज पर अपनी अंतिम इच्छा लिखनी होती है। उसके बाद इन्हे कफन ओढ़कर ताबूत के अंदर जाना होता है। ताबूत को बंद कर दिया जाता है। व्यक्ति को इस अंधेरे ताबूत में 10 मिनट तक कफन ओढ़कर लेटना होता है। ये 10 मिनट बहुत अहम होते हैं। साथ ही हीलिंग सेंटर के एक्सपर्ट इस समय पीछे से बोल रहे होते हैं जिससे आपको महसूस करें कि आप मरने जा रहे हैं।
ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट्स बेटर लाइफ इंडेक्स के 40 देशों में किए गए सर्वे में दक्षिण कोरिया का 33वां स्थान है। दक्षिण कोरियाई लोगों को शिक्षा और रोजगार की बड़ी उम्मीदें हैं, जो खराब अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से गिर रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, साल 2016 में दक्षिण कोरिया में आत्महत्या की दर प्रति एक लाख लोगों में 20.2 थी, जो वैश्विक औसत (10.53) का लगभग दोगुना है। ऐसा माना जा रहा है कि सुसाइड की मानसिकता रखने वाले बहुत से लोग इस लिविंग फ्यूनरल में शामिल हो रहे हैं। इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद लोगों को जीवन को लेकर नजरिया बदल रहा है।
रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्तान हार्दिक पांड्या…
अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…
कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…
Leave a Comment